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Thursday, April 17, 2025

हम शायरी करते हैं तमाशा नहीं करते : गजलकार डॉ. महेन्द्र अग्रवाल


मप्र लेखक संघ व बज्मे उर्दू के संयुक्त तत्वाधान में हबीब हुबाब की किताब लारेब का विमोचन

शिवपुरी-म.प्र. लेखक संघ एवं बज्मे उर्दू के संयुक्त तत्वाधान में गत दिवस दुर्गा मठ में  म.प्र. उर्दू अकादमी के सहयोग से प्रकाशित खंडवा के गजलकार हबीब राहत हुबाब के गजल संग्रह का विमोचन नवगीतकार विनयप्रकाश नीरव की अध्यक्षता व नई गजल पत्रिका के संपादक डॉ महेंद्र अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य व बज्म के सरपरस्त यूसुफ अहमद कुरेशी जी के  विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।

सर्वप्रथम यूसुफ अहमद कुरेशी ने पुस्तक के शीर्षक लारेब की व्याख्या करते हुए कहा कि जो अच्छा इंसान नहीं होता वो अच्छा शायर नहीं हो सकता। हबीब हुबाब अच्छे इंसान भी हैं और अच्छे शायर भी। डॉ महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि गजल की प्रमुख विशेषताओं में संक्षिप्तता, सांकेतिकता के साथ विनम्रता और शालीनता ऐसे गुण हैं जो शेरियत बढ़ाते हैं। हबीब हुबाब की शायरी साहचर्य और सामंजस्य की शायरी है जिसमें हिन्दी उर्दू के बीच कोई दूरी दिखाई नहीं देती। विनय ने कहा कि वह जितने खूबसूरत उर्दू शेर कहते हैं उतने ही शानदार हिन्दी दोहे। संचालन कर रहे सत्तार शिवपुरी ने कहा कि वह वर्षो शिवपुरी में रहे हैं। हबीब हुबाब ने कहा कि खंडवा की जगह शिवपुरी में विमोचन उनकी शिवपुरी से मुहब्बत का नतीजा है। चर्चा में रफीक इशरत ग्वालियरी याकूब साबिर ने भी अपने विचार रखे। बाद में हुई नशिस्त में हबीब हुबाब अजय जैन अविराम, रामकृष्ण मौर्य, राधेश्याम सोनी, राकेश सिंह, राजकुमार चौहान, शिव कुमार राय 'अर्जुन' आदि ने काव्य पाठ किया।

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