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Shishukunj

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Saturday, April 5, 2025

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को सहरिया क्रांति ने दिया समर्थन


शिवपुरी।
नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी है जिससे शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। कर्मचारी टेंट लगाकर नगर पालिका परिसर में डटे हुए हैं और 25 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इस बीच नगर के कई मोहल्लों, प्रमुख बाजारों और डंपिंग प्वाइंट्स पर कचरे के ढेर लग चुके हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह फैली गंदगी से दुर्गंध उठ रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।

हड़ताल को मिल रहा सामाजिक संगठनों का समर्थन अब आंदोलन को नई धार दे रहा है। इसी क्रम में सहरिया क्रांति आंदोलन के संयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता संजय बेचैन ने धरना स्थल पर पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने बाल्मीकि समाज के योगदान को याद करते हुए कहा, जब भी हक और अधिकार की लड़ाई होगी, सहरिया क्रांति सबसे पहले साथ खड़ी मिलेगी। ये आंदोलन सिर्फ सफाई कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे समाज की गरिमा का है।

वार्ड 36 के पार्षद एमडी गुर्जर ने संभाली सफाई व्यवस्था, टे्रक्टर से कचरा किया एकत्रित
लगातार चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से आहत होकर वार्ड क्रं.36 से पार्षद एमडी गुर्जर के द्वारा स्वयं ही आगे आकर कमान संभाली गई और पूरे वार्ड में एक टे्रक्टर लेकर वह निकले और कचरा एकत्रित किया साथ ही बताया कि वह जब तक हड़ताल जारी रहेगी तब तक पूरे वार्ड का कचरा स्वयं एकत्रित करके उसे शहर से दूर फेंकने जाऐंगें। इसके अलावा कुछ पार्षदों ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। वे ट्रैक्टर-ट्रॉली और सफाई उपकरणों के साथ अपने-अपने वार्डों में पहुंचे और कचरा हटवाने का काम शुरू किया। पार्षदों ने साफ संदेश दिया है कि जब तक प्रशासन मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक वे अपने वार्डवासियों को गंदगी से मुक्त रखने का भरसक प्रयास करेंगे।

कर्मचारियों की मुख्य मांगें
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने 25 प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें स्थानांतरण आदेश रद्द करना, कार्यस्थल तक वाहन सुविधा, 6 घंटे से अधिक ड्यूटी न लेना, सफाई दरोगा को पेट्रोल भत्ता, एनपीएस की कटौती राशि समय पर जमा करना, नियमित कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन देना आदि शामिल हैं। शिवपुरी की गलियों में पसरा सन्नाटा और कचरे का अंबार अब एक चेतावनी बन चुका है—जब मेहनतकश कर्मचारी सड़कों पर होते हैं, तो पूरा शहर थम जाता है।

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