45 आचार्यों ने 300 बटुकों का किया यज्ञोपवीत संस्कारशिवपुरी। शहर के स्थनीय नक्षत्र गार्डन में वर्ल्ड स्पिरिचुअल फाउंडेशन द्वारा विशाल एवं भव्य यज्ञोपवीत संस्कार किया गया। इस संस्कार में भागीदारी कर 300 बालक और किशोरों का वेद सम्मत विधि-विधान से उपनयन संस्कार करके जनेऊ धारण कराया गया। 45 विद्वान आचार्यों ने मंत्रों का उच्चारण करके इस संस्कार को संपन्न कराया। इसमें सभी जातियों के बटुकों को समान भाव से संस्कारित किया गया।
फाउंडेशन के फाउंडर सदगुरुदेव आचार्य डॉ रघुवीर सिंह गौर की एक समय तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय में उपनयन संस्कार अनिवार्य था। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों का ब्रह्मचर्य रहते हुए विद्यार्जन करना था। जिससे विद्यार्थी कुरीतियों एवं बुराईयों से दूर रहे। डॉ गौर ने आगे कहा कि जब तक हम पुरातन संस्कार देने की पद्धातियों को नहीं अपनाएंगे तब तक नई पी?ी को चरित्रवान बनाए रखना कठिन है। समाज और आचार्यों के सहयोग से इस कार्यक्रम में विद्वान और बटुक पारंपरिक वेशभूशा पहनकर उपस्थित हुए थे। बटुक और उनके परिजनों ने हवन कुंड में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां डालते हुए इस संस्कार को आत्मसात किया। इस वैदिक संस्कार को संपन्न कराने में डॉ गिरीष जी महाराज, गिरिराज जी महाराज, कृष्ण गोपाल जी महाराज, नंदकिशोर जी शास्त्री और मुकेश जी महाराज की भूमिका प्रमुख रही।
यूएस के मिस्टर पीटर भी हुए संस्कार शिविर में शामिल
संस्कार लेने वालों में यूएस के निवासी 48 साल के मिस्टर पीटर भी शामिल थे। पीटर डॉ गौर के संपर्क में पहले से ही हैं। वे इस संस्कार से साक्षात्कार करके और यज्ञोपवीत धारण करके इतने प्रभावित हुए कि अगली बार पत्नी और बच्चों सहित भारत आकर उन्हें भी संस्कारित करने का संकल्प ले लिया। आचार्य गौर ने कहा कि सनातन संस्कार प्रधान करने के लिए बालकों और किशोरों का उपनयन संस्कार किया गया। इसमें विदेशी मेहमान भी भागीदार भी रहे। इस तरह के संस्कार हमारे वेदों में निहित विज्ञान सम्मत ज्ञान के प्रति बच्चों में जिज्ञासा पैदा करते हैं। अतएव ऐसे आयोजन भविष्य में भी करते रहेंगे।
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