शिवपुरी-विश्व गीता प्रतिष्ठानम् के तत्वाधान में संचालित गीता स्वाध्याय मंडल शिवपुरी द्वारा पंच दिवसीय गीता ज्ञान यज्ञ (गीता की तात्विक) व्याख्या 1 से 5 अप्रैल स्थान जल मंदिर धाम पर हुई। कथा अपराह्र 4 से 7 बजे एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम रात्रि 8 से 10 बजे तक हुआ। कथा व्यास डॉक्टर ब्रह्म देवार्य शास्त्री जी द्वारा गीता सार सुनाया गया। कहा 84 लाख योनियों में केवल विवेक मनुष्य को ही प्राप्त हुआ है इसलिए कहा है, बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा। मनुष्य शरीर ही एक ऐसा है जो भगवान को प्राप्त कर सकता है, देव योनि को प्राप्त कर सकता है। कर्म के द्वारा नीचे की योनि में कीट पतंग बन सकता है। ऐसा अवसर देवताओं को भी दुर्लभ है। आज अखंड गीता पाठ एवं गीता यज्ञ के साथ कथा को विराम दिया। गीता यज्ञ के यजमान जिला संयोजक ओम प्रकाश शिवहरे परिवार रहे।
विश्व गीता प्रतिष्ठानम् के कार्यकर्ताओं ने गीता की कथा सुनने को हजारों लोगों से निवेदन किया लेकिन यह कथा सुनने का सौभाग्य उसी को प्राप्त हुआ जिस पर भगवान की कृपा हुई। अंत में सामूहिक आरती एवं कथा व्यास जी की विदाई, आशीर्वाद प्राप्त कर हुई। विदाई में कथा व्यास जी ने केवल शाल श्रीफल ही स्वीकार किया भेंट की गई राशि विश्व गीता प्रतिष्ठानम् को समर्पित कर दी। जल मंदिर धाम के कृपा पात्र लक्की अग्रवाल ने कहा इस प्रकार का कार्यक्रम शिवपुरी में प्रथम बार हुआ है आगे जब भी कार्यक्रम होगा, बड़े मंच पर होगा। आनंद कुमार, लक्की अग्रवाल को विश्व गीता प्रतिष्ठानम् की ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं जिन्होंने इस कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग किया। प्रतिष्ठानम् के महामंत्री डॉ विष्णु नारायण तिवारी को भी स्वाध्याय मंडल की ओर से आभार जिन्होंने ग्वालियर से आकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने मार्गदर्शन दिया। शिवपुरी गीता भक्त मनीषी मंडल के सभी कार्यकर्ताओं ने जिन्होंने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया। गीता ज्ञान यज्ञ की कथा सुनने को पधारे उनके ऊपर गीत माता की कृपा बनी रहे।
No comments:
Post a Comment