शिवपुरी। जिला प्रशासन द्वारा आदतन अपराधी के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही की कड़ी में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार चौधरी ने एक आदतन अपराधी को जिला बदर किया है। और शिवपुरी जिले तथा उसके समीपवर्ती जिलों की सीमा से छ माह के लिए बाहर चले जाने के निर्देश दिए है। आदतन अपराधी सौरभ उर्फ इन्द्रप्रताप सिंह पुत्र छुन्ना उर्फ अनूप सिंह चौहान उम्र 30 साल निवासी शिव कॉलानी शिवपुरी को जिला शिवपुरी एवं उसके आस-पास के जिलों ग्वालियर, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, दतिया, गुना की सीमा के भीतर से 6 माह के लिये जिला बदर किया है। जिलाबदर की अवधि में जिस-जिस स्थान पर निवास करेगा, उसकी लिखित सूचना प्रतिमाह रजिस्टर्ड डाक से संबंधित थाने को आवश्यक रूप से देगा तथा वहां के थाना प्रभारी तत्संबंधी रिकार्ड संधारित करेंगे। यदि जिलाबदर अपराधी के विरूद्ध इन जिलों के किन्ही न्यायालयों में मामले प्रचलित हों, तो उस मामले में वह स्वंय की उपस्थिति के लिए पेशी के दिन इन जिलों के न्यायालय में आ जा सकेगा, परन्तु इसके पूर्व संबंधित थाना प्रभारी तथा संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को सूचना देना अनिवार्य होगा। इस अवधि के दौरान अनावेदक को न्यायालय द्वारा जारी समन्स/आदेश अपने साथ रखना अनिवार्य होगा तथा मांग करने पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
शिवपुरी। जिला प्रशासन द्वारा आदतन अपराधी के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही की कड़ी में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार चौधरी ने एक आदतन अपराधी को जिला बदर किया है। और शिवपुरी जिले तथा उसके समीपवर्ती जिलों की सीमा से छ माह के लिए बाहर चले जाने के निर्देश दिए है। आदतन अपराधी सौरभ उर्फ इन्द्रप्रताप सिंह पुत्र छुन्ना उर्फ अनूप सिंह चौहान उम्र 30 साल निवासी शिव कॉलानी शिवपुरी को जिला शिवपुरी एवं उसके आस-पास के जिलों ग्वालियर, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, दतिया, गुना की सीमा के भीतर से 6 माह के लिये जिला बदर किया है। जिलाबदर की अवधि में जिस-जिस स्थान पर निवास करेगा, उसकी लिखित सूचना प्रतिमाह रजिस्टर्ड डाक से संबंधित थाने को आवश्यक रूप से देगा तथा वहां के थाना प्रभारी तत्संबंधी रिकार्ड संधारित करेंगे। यदि जिलाबदर अपराधी के विरूद्ध इन जिलों के किन्ही न्यायालयों में मामले प्रचलित हों, तो उस मामले में वह स्वंय की उपस्थिति के लिए पेशी के दिन इन जिलों के न्यायालय में आ जा सकेगा, परन्तु इसके पूर्व संबंधित थाना प्रभारी तथा संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को सूचना देना अनिवार्य होगा। इस अवधि के दौरान अनावेदक को न्यायालय द्वारा जारी समन्स/आदेश अपने साथ रखना अनिवार्य होगा तथा मांग करने पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
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