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Sunday, March 9, 2025

नेटवर्क समस्या से जूझ रहे है स्वास्थ्य कर्मचारी, कैसें करें सार्थक एप पर ई-अटैन्डेंस : जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव


मप्र राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सार्थक एप पर ई-अटैन्डेंस की अनिवार्यता समाप्त को लेकर सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी-मैदानी अमले के रूप में मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के समस्त अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मैदानी कर्मचारियों की सार्थक एप पर लगने वाली ई-अटैन्डेंस की अनिवार्यता को शीघ्र समाप्त किया जाए, इस समस्या से हरेक मैदानी कर्मचारी जूझ रहा है क्योंकि कई जगह जियो, व्हीआई, बीएसएनएल और एयरटेल जैसी कंपनियों के टॉवर नहीं मिल पाते अथवा मिलते भी है तो सर्वर डाउन जैसी समस्या से जूझना पड़ता है जिसके चलते आए दिन सार्थक एप के अधिनस्थ मैन्यूअल ई-अटैन्डैन्स की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए, क्योंकि  ई-अटैंडेंस नहीं लगती इसके लिए कर्मचारी को जबाबदेह माना जाता है जबकि असल में वह अपने कार्य का पूर्ण ईमानदारी केसाथ निर्वाह करता है बाबजूद इसके नेटवर्क समस्या से जूझने के चलते यह हालात निर्मित हो जाते है। सार्थक एप पर ई-अटैंडेंस की इस समस्या से अवगत कराया मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने जिन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंचकर सीएमएचओ डॉ.संजय ऋषिश्वर को ज्ञापन सौंपते हुए कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया और तत्काल प्रभाव से ई-अटैंडेंस की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा।्र

मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि  मैदानी कर्मचारियों की समस्याओं को दुष्टिगत रखते हुये सार्थक एप के जरिये ई-अटैन्डैन्स की अनिवार्यता जरूरी है लेकिन पूरे प्रदेश में हजारों कर्मचारीगण विभिन्न कर्मचारी संगठनों माध्यम से इसका विरोध समस्त जिलों में कर रहे है, सार्थक एप पर ई-अटैंडेंस को लेकर जो समस्याऐं सामने आती है उसमें मुख्यरूप से जैसे नेट नहीं आना तथा दूरस्थ ग्रामों में पहुंचकर देर शाम तक वापिस आने पर शाम को नेट नहीं आने से देरी होने पर महिला कर्मचारियों को अप्रिय घटना (दुर्घटना) की संभवना बनी रहना, चूंकि जिले की भोगोलिक स्थिति ठीक न होने के होने के कारण अधिकांश ग्रामों में पेटचर्क समस्या बनी रहती है तथा कई ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली इलाका होने के चलते महिला कर्मचारियों में असुरक्षा हमेशा बनी रहती है। अभी प्रदेश के किसी भी जिले में शहरी क्षेत्र को छोडकर इसे पूर्णत: लागू नहीं किया गया है। 

इसलिए मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मांग करता है कि समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुये अभी सार्थक एप से मैन्युअली ई-अटैडेंस व्यवस्था को स्थगित किया जाए। इस दौरान ज्ञापन सौंपने वालों में संरक्षण प्रमोद कटारे, सतनबाड़ा से अनीता निकुंज, संतोषी सिसौदिया, विजय अरोरा, बदरवास से सुरेश पाण्डेय, कल्पना शर्मा, सुशीला बरोलिया, शकीला काजी, पोहरी से वंदना राय, आमिर खान, ज्ञानी अहिरवार, वर्षा शर्मा, कोलारस से ऊषा जोशी, रामस्वरूप श्रीवास्तव, मंजू पथिक, रामदेवी जाटव, नरवर से पदमा शर्मा, सुखदेवी, विलासनी नायर, राजरानी कुशवाह, सुषमा नामदेव, शकुन्तला पचौरी, पिछोर से हुस्ना बानो, सुखदेव पाण्डे, सीता कोली, सीपी राजौरिया एवं करैरा से मधुलता दुबे व नीरज शर्मा मौजूद रहे।

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