श्रीजी रथ यात्रा निकालकर धूमधाम से मनाया जायेगाशिवपुरी/करैरा-जैन परंपरा के अनुसार काल का ना तो आदि है, और ना ही अंत है, इतिहास का आलोक तो काल के अनंतबे भाग मात्र को ही आलोकित कर पाता है, और जो भाग इतिहास पकड़ नहीं आता है, उसे प्रागैतिहासिक काल कहते है। धर्मेन्द्र जैन अमोल ने बताया कि ऐसे ही श्लाका पुरुष जिनका जन्म आज से लाखों वर्ष पूर्व अंतिम कुलकर अयोध्या के महाराजा नाभिराय और मरुदेवी के यहां चैत सुदी नवमी को ऋषव कुमार का जन्म हुआ, जो जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव कहलाए, इनके दो पुत्र भरत और बाहुबली जिससे हमारे देश का नाम भारत हुआ। इनकी दो पुत्री ब्राह्मी और सुंदरी जिनको दाएं लिपि विद्या और बाएं हाथ अंक शिक्षा प्रदान की, यही कारण है कि लिपि हमेशा दायी तरफ से गणित हमेशा वायी तरफ से लिखी जाती है।
कार्यक्रम संयोजक आनंद जैन रेन बसेरा ने बताया कि प्रतिवर्ष की भाति इस बर्ष भी दो दिवसीय महा महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। विधानाचार्य पं दीपक जैन शास्त्री के निर्देशन में 23 मार्च को युबा जैन मंडल के दिव्यघोष के साथ प्रात: 9.30 बजे महावीर गंज जिनालय से श्रीजी की रथ यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए 12 बजे पुलिस सहायता केंद्र के पास शोभित जैन एन्ड पार्टी दिल्ली द्वारा संगीतमय आदर्श और भक्ताम्बर महिला एवं गुरुभक्त बालिका मंडल के द्वारा दीप अर्चना की जावेगी। इसके पश्चात् रथयात्रा न्यू कालोनी स्थित जिनालय पर शांति धारा अभिषेक पूजन किया जायेगा। महिला जैन मिलन द्वारा पालना और शाम को आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। देवेंन्द्र जैन समोहा मंत्री ने बताया कि महावीर जिनालाय पर प्रात: 8 बजे 108 रजत कलशो से भगवान का महामस्ताभिषेक किया जायेगा, दूसरे दिवस प्रात: 8 बजे श्रीजी की रथयात्रा न्यू कॉलोनी जैन मंदिर से सर्वोदय चौराहा होते हुए बड़ा जैन मंदिर पहुंचेगी। पांचो मंदिरों के अध्यक्ष हरिशरण जैन,प्रमोद सिंघई, गुलाबचंद जैन,प्रदीप जैन शिक्षक, राजेश जैन ने सभी से अपील की है कि सभी जैन धर्मावलंबी इन कार्यक्रमों में भाग लेकर धर्म प्रभावना में सहभागी बने।
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