पहले ही दिन दो सैंकड़ा अभिभावक पहुंचे खरीददारी करने, डेढ़ लाख से अधिक की पुस्तकें व स्टेशनरी का हुआ विक्रयशिवपुरी। जिले के कुछ अशासकीय स्कूलों में पुस्तकों, स्टेशनरी व गणवेश निश्चित दुकान से मनमाने दामों पर खरीदने की बाध्यता को लेकर प्रशासन व जिला शिक्षा विभाग को मिल रही शिकायतों के चलते कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सृजित पुस्तक मेले की परिकल्पना पहले ही दिन साकार नजर आई। जिला मुख्यालय पर शासकीय उमावि क्र. 2 के परिसर में रविवार की सुबह सात दिवसीय पुस्तक मेले का शुभारंभ हुआ।
जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ व डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन शुरू हुए इस पुस्तक मेले का शुभारंभ खुद न करते हुए अशासकीय स्कूल की एक नन्ही छात्रा दिव्यांगी खटीक द्वारा करवाया। कुछ अन्य स्कूली बच्चों के साथ दिव्यांशी ने फीता काटा। पुस्तक मेले के प्रति पहले ही दिन अभिभावकों का रुझान साफ नजर आया। मेले के प्रारंभ होने के दो घंटे के भीतर ही एक सैंकड़ा से अधिक अभिभावकों ने बच्चों के साथ मेले में पहुंचकर खरीददारी की जबकि शाम 4 बजे तक यह आंकड़ा दो सौ के आसपास पहुंच गया। मेले में 10 से अधिक पुस्तक, स्टेशनरी संचालकों ने अपनी दुकान लगाई हैं जिनमें एनसीईआरटी, सीबीएसई बोर्ड में संचालित पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। प्रारंभिक आंकड़े के मुताबित शाम 4 बजे तक ही डेढ़ लाख से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। मेले का आयोजन 5 अप्रैल तक जारी रहेगा। ऐसे में उम्मीद है कि निजी स्कूलों की मोनोपॉली को खत्म करने शुरू की गई है यह पहल अभिभावक हित में सार्थक साबित होगी। पुस्तक मेले के आयोजन के दौरान प्रमुख रूप से प्राचार्य उमावि क्र. 2 अर्चना शर्मा, एपीसी उमेश करारे, विपिन पचौरी, इंदु पारशर, राजीव श्रीवास्तव, अजय बाथम, निर्मल जैन, अनिल मलवरिया, अनिल रावत, संजय जैन, यादवेन्द्र चौधरी आदि मौजूद रहे।
पुस्तकों व स्टेशनरी पर मिल रही छूट
पुस्तक मेले के माध्यम से जहां अभिभावकों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की पुस्तकें, स्टेशनरी व अन्य सहायक सामग्री उपलब्ध हो रही हैं तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने मेले में आए विक्रेताओं को निर्देश दिए थे कि वे अधिकतम छूट अभिभावकों को खरीददारी पर दें और इसका असर भी मेले में नजर आया। प्रतिस्पर्धा के चलते अभिभावकों को विक्रेताओं द्वारा एमआरपी पर 10 से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। डीईओ ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले का भ्रमण करें और लाभ उठावें।
पुस्तक मेले के माध्यम से जहां अभिभावकों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की पुस्तकें, स्टेशनरी व अन्य सहायक सामग्री उपलब्ध हो रही हैं तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने मेले में आए विक्रेताओं को निर्देश दिए थे कि वे अधिकतम छूट अभिभावकों को खरीददारी पर दें और इसका असर भी मेले में नजर आया। प्रतिस्पर्धा के चलते अभिभावकों को विक्रेताओं द्वारा एमआरपी पर 10 से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। डीईओ ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में मेले का भ्रमण करें और लाभ उठावें।
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