Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Wednesday, December 25, 2024

स्वामी श्रद्धानंद एक संस्था युग निर्माता थे: डॉ सुशील वर्मा


स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान दिवस व्याख्यान रूप में मनाया

शिवपुरी-स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस 23 दिसम्बर को स्थानीय बाल भवन सावरकर पार्क में विद्यार्थियों के बीच व्याख्यान रूप में आयोजित किया गया,जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में डॉ सुशील कुमार वर्मा,धर्मेश अरोरा व हनी हरियाणी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए शिवपुरी के वरिष्ठ चिकित्सक आर्य समाज विद्वान डॉ सुशील वर्मा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद स्वयम एक संस्था थे युग निर्माता थे,भारतीय स्वाधीनता में जिनका महत्वपूर्ण योगदान रहा,तथा मैकाले की शिक्षा व्यवस्था का विरोध दर्ज करते हुए गुरुकुल परंपरा को पुन: प्रारम्भ करने की शुरुआत स्वामी जी ने ही कि। समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने एकजुटता के प्रयास और गुरुकुल के माध्यम से भारतीय संस्कृति को पुन: स्थापित करने के प्रयास स्वामी श्रद्धानंद ने अंग्रेजों के जमाने मे पूरी दृ?ता के साथ किये। 

डॉ वर्मा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद निडरता के साथ अपनी बात रखते थे,और लोगो को प्रभावित भी करते थे,शुद्धि आंदोलन के माध्यम से न जाने कितने सनातनियो की घर वापसी उनने कराई,सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित करने वाले ऐसे संत के बारे में बच्चे जानकारी प्राप्त करे नई पीढ़ी उनके त्याग तपस्या की जानकारी प्राप्त करे यही इस आयोजन का मूल है,उनके बलिदान दिवस पर उनके बलिदान से जन जन परिचित हो यही प्रयास हमारा है। 

इस अवसर पर धर्मेश अरोरा व हनी हरियाणी ने यज्ञ परंपरा पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि प्रतिदिन यज्ञ करने के बहुत सारे फायदे है इससे बुद्धि तीक्ष्ण तो होती ही है पंरन्तु ये हमारी संस्कृति का मूल तत्व है जिसे हमने छोड़ा उससे नुकसान अधिक हो रहे है,पर्यावरण असंतुलन के साथ साथ नकरात्मकता का प्रभाव भी इससे दूर हो जाने की वजह से बढ़ रहा है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संस्थापक व युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को ब?ाने वाले संत स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर हम सभी प्रतिदिन यज्ञ करने और अधिक से अधिक लोगो को इससे जो?कर श्रेष्ठ कार्य करने का संकल्प ले यही महामानव को विनम्र श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष ओज तो आभार संस्था की और से गौरव चौबे ने व्यक्त किया।

No comments:

Post a Comment