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Monday, December 9, 2024

भारतीय ज्ञान परंपरा वैज्ञानिक और व्यावहारिक चिंतन पर आधारित : प्रहलाद भारती


भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ

शिवपुरी-भारतीय ज्ञान परंपरा वैज्ञानिक और व्यावहारिक चिंतन पर आधारित रही है। भारतीय ज्ञान परम्परा विश्व बंधुत्व की भावना और विश्व के सभी लोगों अर्थात प्राणीमात्र के कल्याण की भावनाओं पर आधारित है। इसलिए आज भी प्रासंगिक है। उक्त विचार मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय पी.जी. कॉलेज शिवपुरी में आयोजित भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। 

पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का अर्थ केवल पुरातन ज्ञान को परोसना नहीं है, बल्कि सनातन जीवनदृष्टि को युगानुकूल, देशानुकूल परिभाषा में पुनर्भाषित करते हुए आज के समय में लागू करने का नाम 'भारतीय ज्ञान परंपरा' है।जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अमित भार्गव ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को उजागर करते हुए कहा कि अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति ने भारत में एक रीढ़ विहीन समाज को निर्मित किया, क्योंकि वे भारतीयों को केवल क्लर्क बनाना चाहते थे, जबकि भारत प्राचीनकाल से ही ज्ञान के मामले में विश्वगुरु रहा है।  उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के सहारे हम पुन: विश्व गुरु बनेंगे।

          भारतीय ज्ञान परम्परा जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर पवन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आज विश्व में सभी बड़ी कंपनियों के सीईओ भारतीय हैं, यह भारतीयों की उत्कृष्ट बुद्धिमत्ता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे शिक्षा प्राप्त करके जॉब मांगने वाले बनने की बजाय जॉब देने वाले बनें। भारतीय ज्ञान परम्परा की जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के प्रथम दिन भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। भाषण प्रतियोगिता में शासकीय कन्या महाविद्यालय शिवपुरी की छात्रा मान्या जैन का प्रथम स्थान पर संभाग स्तर की भाषण प्रतियोगिता में शिवपुरी जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयन किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रोफेसर जे.पी. श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. मधुलता जैन, प्रो. अरविंद शर्मा, प्रो. महेंद्र कुमार, प्रो. जितेंद्र गौतम, प्रो. विवेक कुमार, प्रो. अनुराधा सिंह , प्रो. शिखा झा, डॉ. शुभा वार्ष्णेय , डॉ. शंकर सुमन भदोरिया एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी सम्मिलित रहे।

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