शिवपुरी-अपना घर आश्रम शिवपुरीमें 15 माह पहले लाये गए प्रभुजी को अपना परिवार मिल गया, लगभग 10वर्ष से परिवार से बिछड़े प्रभु जी को गुना में लोगों ने बंधुआ मजदूर बना कर रखा था उनकी खराब मानसिक स्तिथि का फायदा उठाकर उनके मजदूरी का काम लिया जा रहा था जिन्हे गुना के श्रम विभाग एवं अपना घर हेल्पलाइन की मदद से अपना घर शिवपुरी लाया गया था जंहा उनकी उचित देखभाल एवं इलाज से उनकी हालत में सुधार आया, उनकी की गयी काउंसलिंग में उनके द्वारा अपने घर का पता मुडापार सिलवानी जिला रायसेन बताया गया। बताये गए पते पर सम्पर्क पर जानकारी प्राप्त की गयी जिससे उनके पिताजी से सम्पर्क हुआ। इस पर उनके पिता बारे लाल राय एवं जीजा डालचंद्र अपना घर शिवपुरी आये जंहा उन्होंने एक दूसरे को पहचान लिया, मिलन बहुत ही भावुक था, उनके पिता एवं जीजा उन्हें अपने साथ ले गए, परिवार जनो ने बताया कि मानसिक स्तिथि खराब होने के कारण रतलाम हुसैन टेकरी पर 10 वर्ष पूर्व बिछुड़ गए थे, जो आज मिल सके। अपना घर आश्रम उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं अच्छे जीवन की कामना करता है।
शिवपुरी-अपना घर आश्रम शिवपुरीमें 15 माह पहले लाये गए प्रभुजी को अपना परिवार मिल गया, लगभग 10वर्ष से परिवार से बिछड़े प्रभु जी को गुना में लोगों ने बंधुआ मजदूर बना कर रखा था उनकी खराब मानसिक स्तिथि का फायदा उठाकर उनके मजदूरी का काम लिया जा रहा था जिन्हे गुना के श्रम विभाग एवं अपना घर हेल्पलाइन की मदद से अपना घर शिवपुरी लाया गया था जंहा उनकी उचित देखभाल एवं इलाज से उनकी हालत में सुधार आया, उनकी की गयी काउंसलिंग में उनके द्वारा अपने घर का पता मुडापार सिलवानी जिला रायसेन बताया गया। बताये गए पते पर सम्पर्क पर जानकारी प्राप्त की गयी जिससे उनके पिताजी से सम्पर्क हुआ। इस पर उनके पिता बारे लाल राय एवं जीजा डालचंद्र अपना घर शिवपुरी आये जंहा उन्होंने एक दूसरे को पहचान लिया, मिलन बहुत ही भावुक था, उनके पिता एवं जीजा उन्हें अपने साथ ले गए, परिवार जनो ने बताया कि मानसिक स्तिथि खराब होने के कारण रतलाम हुसैन टेकरी पर 10 वर्ष पूर्व बिछुड़ गए थे, जो आज मिल सके। अपना घर आश्रम उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं अच्छे जीवन की कामना करता है।
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