अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन की मासिक बैठक आयोजित
शिवपुरी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन की मासिक बैठक वार्ड क्रमांक 7 में पंडित गजानंद उपाध्याय के निवास पर आयोजित हुई , सबसे पहले भगवान परशुराम जी के चित्र पर बैठक के मुख्य अतिथि पंडित राम प्रकाश शर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि पंडित कुंज बिहारी पाराशर ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर बैठक का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि पंडित राम प्रकाश शर्मा ने उपस्थित विप्र बन्धुओं को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण हर मामले में अव्वल है लेकिन सरकारों की वोट बैंक की राजनीति के चलते आए आरक्षण के दुष्चक्र ने हम ब्राह्मणों की तरक्की के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है। कभी समाज के संपन्न एवं समृद्ध वर्ग की पहचान रखने वाले ब्राह्मण वर्ग को आरक्षण ने बहुत गरीब बना दिया है। जो ब्राह्मण समाज सर्वोच्च स्थान रखता था वह आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से तेजी से पतन के पथ पर आ गया है। सरकारों ने समाज के गरीब तबके को ऊंचा उठने के लिए आरक्षण की नीति लागू की थी, आज जब अन्य तवके के लोग आरक्षण का लाभ उठाकर संपन्न हो गए हैं और ब्राह्मण वर्ग बाकई में गरीब की श्रेणी में आ गया है, तो आरक्षण का लाभ ब्राह्मणों को क्यों नहीं मिलना चाहिए।
अध्यक्षता कर रहे पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने कहा कि देश में आज हर किसी के निशाने पर ब्राह्मण समाज है,जबकि ब्राह्मण किसी भी अन्य समाज की तरक्की का विरोध नहीं करता है ब्राह्मणों को इससे ज्यादा दुर्दिन और क्या देखने को मिलेंगे कि आज के वक्त झाड़ू ,लगाने से लेकर टैक्सी चलाने और सब्जी बेचने तक का काम गरीब ब्राह्मण कर रहे है। पंडित कुंज बिहारी पराशर ने कहा की वर्ण व्यवस्था के क्रम के हिसाब से शास्त्रों में ब्राह्मण समाज भले ही नंबर एक पर मानी जाती हैं, लेकिन धरातल पर आज ब्राह्मण बहुत ही नीचे खिसक कर अधोतल पर आ गया है और क्रीमीलेयर ने ब्राह्मणों का हक मार दिया। उनके बच्चे आर्थिक तंगी की वजह से उच्च शिक्षा नहीं ले पा रहे है, ब्राह्मण के जो बच्चे पढ़ लिख गई है वें भी बेरोजगार होकर घरों में बैठे हुई है। क्योंकि आरक्षण सिस्टम में उनके लिए कोई नौकरी ही नहीं है।
पंडित मनीष शर्मा व्याख्याता टोडा वाले ने कहा कि अक्सर कहा जाता है कि ब्राह्मणों को आरक्षण पाने का कोई अधिकार नहीं है जबकि इतिहास बताता है कि ब्रिटिश शासन काल में कई देशी रियासतों ने ब्राह्मणों को आरक्षण सन 1874 में विधिवत्त कानून बनाकर पुलिस विभाग में 20% फ़ीसदी पदों को केवल ब्राह्मणों के लिए रिजर्व कर दिया था। लेकिन सरकारों ने अन्य समाजों को आरक्षण स्वतंत्रता से लेकर आज तक बरकरार रखा है सवाल उठता है कि भारतीय संविधान में जब सभी वर्गों का प्राप्ति के समान अवसर मुहैया कराने की बात कही है तो फिर आरक्षण को जारी रख समाज के कुछ वर्गों को विशेष अवसर एवं कुछ को वंचित क्यों रखा जा रहा है। पंडित विनोद उपाध्याय धौधा वाला ने कहा कि देशभर में ब्राह्मण शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहे है बच्चों को अच्छी शिक्षा और बेरोजगार में समान अवसर मिले, इसलिए ब्राह्मण को देश भर में शिक्षा क्षेत्र में चार पीस दी आरक्षण मिलना चाहिए ।
ब्राह्मणों में बड़ी संख्या में गरीब है उनके मेघावी बच्चे आर्थिक तंगी की वजह से उच्च शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे बच्चों को समान अवसर दिलाने के लिए आरक्षण दे। इस मौके पर कैप्टन चंद्र प्रकाश शर्मा बालकृष्ण शर्मा ओम प्रकाश समाधियां ने भी विचार रखें तथा बैठक में मुख्य रूप से सुरेश पाराशर धोलागढ़ वाले रामसेवक गॉड राजेंद्र पांडे सुरेंद्र पाठक कैलाश नारायण भार्गव कैलाश मुद्गल डॉक्टर सी पी उपाध्याय हरिवंश त्रिवेदी गजानन शर्मा विश्म्बर दयाल दीक्षित विजय राजन राम प्रकाश त्यागी देवेंद्र मड़वास आदि उपस्थित थे बैठक का संचालन पंडित हरगोविंद शर्मा ने किया एवं अंत में पंडित महेंद्र शर्मा ने आभार व्यक्त किया
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