शिवपुरी। पोहरी के पूर्व सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी को राकेश कुरुरे उप सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सस्पेंड कर दिया है और सस्पेंशन की अवधि में भिंड जिले के जिला पंचायत कार्यालय में अटैच कर दिया है।शैलेन्द्र आदिवासी पर आरोप है कि शैलेन्द्र आदिवासी ने पोहरी जनपद के सीईओ रहते हुए पोहरी तहसील के ग्राम मडबैडा में कलेक्टर गाइडलाइन से एक चौथाई दर पर भूमि क्रय की है, वही इस गांव में सरकारी भूमि पर सामुदायिक मनोरंजन भवन बनवाया, जो कि बस्ती से दूर होने के कारण ग्राम वासियों के लिये उपयोगी है। बताया जा रहा है कि कागजों में यह सामुदायिक भवन सरकारी भूमि पर सरकार के पैसे से बनाया गया है, लेकिन यह भवन इनकी निज भूमि के पास था इस मामले को मीडिया ने खबरों का भी प्रकाशन किया था। वही निलबंन आदेश में शैलेन्द्र आदिवासी की जाति संदिग्ध मानी गई है।
सरपंच संघ ने भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर की थी भूख हड़ताल
शैलेन्द्र आदिवासी के खिलाफ सरपंच संघ ने भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी, इसका इफैक्ट हुआ और सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी को पोहरी से हटाते हुए जिला पंचायत कार्यालय शिवपुरी अटैच कर दिया गया था।
शैलेन्द्र आदिवासी के खिलाफ सरपंच संघ ने भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी, इसका इफैक्ट हुआ और सीईओ शैलेन्द्र आदिवासी को पोहरी से हटाते हुए जिला पंचायत कार्यालय शिवपुरी अटैच कर दिया गया था।
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