कांसल परिवार के द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा की भक्तिभाव में डूबे श्रद्धालुशिवपुरी- कहा जाता है कि जैसे कर्म वैसा फल और यही नियति भी है, क्योंकि मनुष्य के अच्छे और विचार, कर्म ही उसे देवता और दानव बनाते है, मानव हृदय ही संसार सागर है जिसमें कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता, इससे बचना है तो प्रभु के आसक्त होकर भक्ति करें, कभी दिखावे का कोई कार्य ना करें और अपने मन को साफ-स्वच्छ-निर्मल बनाऐं ताकि यह मनुष्य रूपी देह मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सके। मनुष्य को मोक्ष का यह मार्ग प्रशस्त किया प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा मर्मज्ञ ब्रहर्षि राजेश जी महाराज ने स्थानीय शगुन वाटिका में कांसल परिवार (ख्यावदा वाले) के द्वारा गौलोकवासी श्रीमती गुणमाला-रामचरण लाल गुप्ता स्मृति में आयेाजित श्रीमद् भागवत कथा एवं श्रीगंगा जी का पूजन कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धालुओं उनके कर्मों के आधार पर जीवन का व्याख्या कर रहे थे।
इस अवसर पर कथा यजमान परिजनों श्रीमती कमला-प्रकाशचंद गुप्ता, श्रीमती कौशल्या-महेश कुमार गुप्ता व श्रीमती विनीता-सीए विजय कुमार गुप्ता परिवार के द्वारा कथा प्रारंभ से पूर्व श्रीमद् भागवत कथा का पूजन किया गया तत्पश्चात व्यासपीठ पर विराजमान ब्रहर्षि राजेश जी महाराज का पूजन कर आर्शीवाद प्राप्त किया गया। कथा में ब्रह्यर्षि राजेश जी महाराज की ओस्वी वाणी में जब भजनों की प्रस्तुति होती है तो यहां कथा श्रवण कर रहे श्रद्धालु भक्तिभाव में डूबे हुए नजर आते है जिसमें महिलाए-पुरूष पृथक-पृथक नृत्य व ध्यान करते हुए ईश्वरीय भक्ति कथा पाण्डाल में करते है। इस दौरान कथा में कांसल परिवार के कुलगुरू श्री शकुदेव जी गौड़ (राजगढ़ वाले)का विशेष मार्गदर्शन व आशीर्वाद आयोजक परिजनों को प्राप्त हुआ। कथा का धर्मलाभ प्राप्त करने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचकर धर्मलाभ प्राप्त कर रहे है।
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