शिवपुरी -मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना अंतर्गत विशेष पिछ?ी अनुसूचित जनजाति के सहरिया, बेगा एवं भारिया हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार एवं कुपोषण से मुक्ति के उद्देश्य से दुधारू पशु दिए जाते हैं जिससे पशुपालन के माध्यम से परिवार की आय बढ़े। पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ तमौरी ने बताया कि मंगलवार को भदावरी फॉर्म बड़ौदी में आयोजित कार्यक्रम में दो-दो भैंसे 90 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत अंशदान पर सहरिया हितग्राहियों को वितरित की गई।जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन, उपसंचालक डॉ.एम.सी.तमौरी की उपस्थिति में हितग्राहियों को दुधारू पशु देते हुए अच्छी देखरेख और पशुपालन को बढ़ाने के लिए कहा। कार्यक्रम में विकासखंड शिवपुरी के ग्राम हातोद, कोटा, दबिया, इमलिया, कालूथरा, कराई, करूआ, अमरखोआ, मुडख़ेड़ा, खजुरी, महुआखेड़ा, कांकर, सकलपुर के आदिवासी हितग्राहियों को दो-दो भैंसे 90 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत अंशदान पर वितरित की गई। आर्थिक रूप से कमजोर विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के सहरिया बैगा एवं भारिया हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। इकाई लागत 2 लाख 43 हजार रूपए दो भैंस के लिए तथा 1 लाख 89 हजार 250 रूपए दो गाय के लिए निर्धारित है।
शिवपुरी -मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना अंतर्गत विशेष पिछ?ी अनुसूचित जनजाति के सहरिया, बेगा एवं भारिया हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार एवं कुपोषण से मुक्ति के उद्देश्य से दुधारू पशु दिए जाते हैं जिससे पशुपालन के माध्यम से परिवार की आय बढ़े। पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ तमौरी ने बताया कि मंगलवार को भदावरी फॉर्म बड़ौदी में आयोजित कार्यक्रम में दो-दो भैंसे 90 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत अंशदान पर सहरिया हितग्राहियों को वितरित की गई।जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन, उपसंचालक डॉ.एम.सी.तमौरी की उपस्थिति में हितग्राहियों को दुधारू पशु देते हुए अच्छी देखरेख और पशुपालन को बढ़ाने के लिए कहा। कार्यक्रम में विकासखंड शिवपुरी के ग्राम हातोद, कोटा, दबिया, इमलिया, कालूथरा, कराई, करूआ, अमरखोआ, मुडख़ेड़ा, खजुरी, महुआखेड़ा, कांकर, सकलपुर के आदिवासी हितग्राहियों को दो-दो भैंसे 90 प्रतिशत अनुदान एवं 10 प्रतिशत अंशदान पर वितरित की गई। आर्थिक रूप से कमजोर विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के सहरिया बैगा एवं भारिया हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। इकाई लागत 2 लाख 43 हजार रूपए दो भैंस के लिए तथा 1 लाख 89 हजार 250 रूपए दो गाय के लिए निर्धारित है।
No comments:
Post a Comment