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Thursday, October 17, 2024

मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी का मुख्य ध्येय हर महिला व बालिका को हो शस्त्र और शास्त्र ज्ञान : श्रीमती अनीता सिकरवार





अहिल्या बाई की त्रिशताब्दी एवं दुर्गावती की पंचशताब्दी जन्म जयंती पर विहिप मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी ने निकाली मान वदंना यात्रा एवं किया शस्त्र पूजन

शिवपुरी- हरेक महिला और बालिका अपनी आत्म रक्षा के प्रति सजग हो और इसके साथ-साथ वह शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान भी रखती हो, इसे लेकर विहिप मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी का मुख्य ध्येय ही यह है कि महिला व बालिका शस्त्र और शास्त्र को ज्ञान तो रखें साथ ही वह अपनी आत्मरक्षार्थ हेतु आवश्यक प्रशिक्षण भी प्राप्त करें ताकि किसी और पर निर्भर रहने की अपेक्षा वह अपने साथ होने वाले घटनाक्रम का स्वयं विरोध करें और स्वयं की रक्षा कर सके। बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के प्रति यह मार्गदर्शन दिया मातृशक्ति प्रायोगिक श्रीमती अनीता सिकरवार ने जो स्थानीय कैलामाता मंदिर परिसर में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद के तत्वाधान में लोकमाता अहिल्या बाई की त्रिशताब्दी एवं दुर्गावती की पंचशताब्दी जन्म जयंती पर विहिप मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा आयोजित मान वंदना यात्रा एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर कार्यक्रम में संगठन की रीमती रेणु सांखला कार्यक्रम अध्यक्ष, डॉ.श्रीमती सुषमा पाण्डे विभाग संयोजिका महिला समन्वयक मंच संघ एवं श्रीमती योगिता मौजूद रही।

निकाली मान वंदना यात्रा किया शस्त्र और शास्त्र पूजन
विश्व हिन्दू परिषद मध्य भारत प्रान्त मातृ शक्त्ति दुर्गा वाहिनी जिला शिवपुरी के द्वारा पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी 300वां जन्म जयंती वर्ष एवं वीरांगना रानी दुर्गावती पंचशताब्दी 500 वां जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मान वदंना यात्रा एवं शस्त्र पूजन  किया गया। इसके साथ ही नगर में पुण्य श्लोक देवी अहिल्या बाई होल्कर की त्रिशताब्दी एवं वीरांगना रानी दुर्गावती की पंचशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में नारी शक्ति के जागरण हेतु मान वंदना यात्रा निकाली गई जो कार्यक्रम स्थल कैलामाता मंदिर से प्रारंभ होकर राजेश्वरी रोड़ होते हुए गुरूद्वारा चौराहे से माधवचौक चौराहा होकर कोर्ट रोड़ होते हुए अस्पताल चौराहे से पुन: कार्यक्रम स्थल कैलामाता मंदिर पर संपन्न हुई। इस दौरान इस मान वंदना यात्रा में दुर्गावाहिनी मातृशक्ति के द्वारा अपने शस्त्र व शास्त्र प्रशिक्षण को भी यात्रा के दौरान प्रदर्शित किया गया ताकि हरेक महिला इस तरह का प्रशिक्षण अबला सबला बने और स्वावंलंबी होकर आत्मरक्षा में अपना स्वयं का महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करें। कार्यक्रम में युवतियां सफेद सलवार कुर्ती व केसरिया दुपटटा एवं महिलाओं के लिए केसरिया या पीली साडी में पूरे मार्ग में शस्त्र पूजन के साथ स्वयं का दण्ड लेकर नजर आई।

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