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Sunday, October 6, 2024

कथा श्रवण ही नहीं बल्कि उसे जीवन में आत्मसात भी करें :ब्रहर्षि राजेश जी महाराज







कांसल परिवार के द्वारा संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में बताया कथा श्रवण का महत्व

शिवपुरी- यह जरूरी नहीं कि मनुष्य जब भी धर्म-कर्म वाले क्षेत्र में जाता है और उसका धर्मलाभ लेकर अपने आपको पुण्यशाली मानता है तो यह उचित नहीं है, क्योंकि किसी भी धर्म या कथा में पहुंचकर कथा श्रवण की लेकिन उसे आत्मसात नहीं किया तो कथा श्रवण करना भी व्यर्थ हो जाता है इसलिए ध्यान रखे कि ईश्वर के प्रति आसक्त होकर भक्ति करें और जहां भी कथा श्रवण सुनने जाए तो उस कथा का महत्व जानकर उसे अपने जीवन में जरूर उतारें। 

कथा श्रवण का यह महत्व बताया कि स्थानीय शगुन वाटिका में कांसल परिवार (ख्यावदा वाले) के द्वारा गौलोकवासी श्रीमती गुणमाला-रामचरण लाल गुप्ता स्मृति में आयेाजित श्रीमद् भागवत कथा एवं श्रीगंगा जी का पूजन कार्यक्रम ब्रहर्षि राजेश जी महाराज ने व्यासपीठ से कथा सुन रहे श्रावकों को कथा श्रवण का महत्व बता रहे थे। इस दौरान कथा के यजमान परिजनों के द्वारा श्रीमती कमला-प्रकाशचंद गुप्ता, श्रीमती कौशल्या-महेश कुमार गुप्ता व श्रीमती विनीता-सीए विजय कुमार गुप्ता परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का पूजन किया गया तत्पश्चात व्यासपीठ पर विराजमान ब्रहर्षि राजेश जी महाराज का पूजन किया गया। इसके साथ ही शुकदेव कथा का वर्णन सुनाया गया। कथा में कांसल परिवार के कुलगुरू श्री शकुदेव जी गौड़ (राजगढ़ वाले)का विशेष मार्गदर्शन व आशीर्वाद आयोजक परिजनों को प्राप्त हुआ। कथा यजमान परिजनों के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का धर्मलाभ प्राप्त करने का आग्रह धर्मप्रेमीजनों से किया है।

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