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Thursday, October 17, 2024

बच्चों को थोड़ा धन कम भी दें तो कोई बात नहीं लेकिन धर्म की शिक्षा अवश्य दिलाऐं : परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद जी बापू





वैकुण्ठवासी राधेश्याम पहारिया स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से दिया धर्म-ज्ञान का संदेश

शिवपुरी-धुंधकारी और गोकर्ण के संवाद से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि हम अपने बच्चों को धन यदि थोड़ा कम भी दें तो कोई बात नहीं परंतु धर्म की शिक्षा अवश्य देनी चाहिए, क्योंकि यदि बच्चों के अंदर से धर्म और संस्कार चले जाएंगे तो हम कितना भी धन उनको कमा कर रख देंगे, एक ना एक दिन वह उसको नष्ट ही कर देंगे, इसलिए अपने बच्चों में संस्कार दें। बच्चों को धर्म की शिक्षा का यह मार्ग प्रशस्त किया प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा वाचक राष्ट्रीय संत परम पूज्य श्री चिन्मयानंद जी बापू ने जो स्थानीय परिणय वाटिका में वैकुण्ठवासी श्री राधेश्याम पहारिया परिवार द्वारा आयोजित कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म-ज्ञान का संदेश प्रदान कर रहे थे। इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान श्रीमती लाली-शैलेन्द्र पहारिया एवं श्रीमती सनाया-शिवम् पहारिया परिवार के द्वारा परिजनों के साथ सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत कथा पूजन किया गया तत्पश्चात व्यासपीठ से कथावाचक पूज्य श्रीचिन्मयानंद जी बापू से आर्शीवाद प्राप्त किया। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिकों ने भी कथा आयोजन में शामिल होकर आरती करते हुए धर्मलाभ प्राप्त किया।

परिणय वाटिका कथा स्थल पर व्यासपीठ से श्रीमद् भागवत वाचन करते हुए परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद बापूजी ने कहा कि पुराने समय में हम अपने बच्चों को भगवान के मंदिर में ले जाकर भगवान के विषय में उनको बताते थे, भगवान का दर्शन कराते थे, घर में भी मां बाप बच्चों को भगवान की सुंदर सुंदर कथाएं सुनाते थे, लेकिन आजकल व्यस्ततम जीवन में हम अपने कामकाज में इतने व्यस्त हो गए कि हमने अपने बच्चों को संस्कार तो छोड़ो-समय देना भी कम कर दिया, इसीलिए व्यासपीठ के माध्यम से बापूजी ने कहा कि हम अपने बच्चों को संस्कार अवश्य प्रदान करें, आगे भागवत कथा के प्रथम स्कंध में सभी को प्रणाम करते हुए श्रीसूत जी द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्रीमद् भागवत कथा को आरंभ किया। कथा में कपिल देव भगवान और देवहूति माता का संवाद सुनाते हुए पूज्य बापू ने कहा कि हम अपने जीवन को विषयों में बर्बाद ना करें, जीवन बड़ा अमूल्य है और हमें एक बार ही परमात्मा ने कृपा करके यह मानव शरीर दिया है इसलिए हम इसको विषयों में परवाह न करते हुए परमात्मा के श्रीचरणों से लगाए और परमात्मा का ध्यान करें। कथा में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमीजनों ने शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त किया और सभी धर्मप्रेमीजनों से कथा आयोजक पहारिया परिवार के द्वारा प्रतिदिन दोप.2 से 6 बजे तक आयोजित कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह शहरवासियों से किया है।

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