जन सामान्य की जरूरतों को नापतौल विभाग कर रहा था अनदेखी, हुई शिकायत तो वसूली 30 लाख रूपये की वसूली
शिवपुरी- बीते रोज नापतौल विभाग की निकृष्ट कार्यप्रणाली को लेकर जब समाचार पत्र में खबर प्रकाशि हुई तो उसे देखते हुए जन सामान्य के हितों को ध्यान में रखते हुए माननीय न्यायालय की लड़ाई लडऩे वाले शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार काउंसिल अध्यक्ष विजय तिवारी की एक शिकायत पर लंबे समय से निन्द्रा में सो रहे नापतौल विभाग की आंख खुली और नींद से जागते हुए नापतौल निरीक्षक के द्वारा अपनी टीम के साथ मिलकर बीते छ: माह में जिले के 86 विभिन्न स्थानों पर कार्यवाही की जानकारी दी गई साथ ही यहां जन सामान्य की जरूरतों को लेकर नापतौल विभाग जब अनदेखी कर रहा था तब अधिवक्ता विजय तिवारी के द्वारा शिकायत की गई और उस शिकायत का यह परिणाम रहा कि नापतौल विभाग ने बीते छ: की कार्यवाही बताते हुए अब तक 30 लाख रूपये तक का राजस्व वसूली करने की जानकारी दी। अधिवक्ता विजय तिवारी का कहना है कि वह जनहित के मुद्दों को लेकर शांत नहीं रहने वाले यदि यही हालात अन्य विभाग में रहे तो ऐसे सभी विभागों को चिह्नित करते हुए उनके खिलाफ भी कार्यवाही हेतु पत्र व्यवहार भी संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों किया जाएगा ताकि ऐसे लापरवाह और निकृष्ट अधिकारी या तो अपने कार्य में सुधार लाऐं अन्यथा शिवपुरी जिले से बाहर हो जाऐं।
कार्यवाही का असर कि नाप-तौल विभाग ने छ: माह में 86 संस्थानों पर कार्यवाही का दिया विवरण, 30 लाख वसूली भी की
नाप-तौल (विधिक माप विज्ञान) विभाग शिवपुरी द्वारा जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशन में चलाये गये जांच अभियान के दौरान शिवपुरी जिले में विभिन्न संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अनियमितता पाये जाने पर विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही कर माह अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक 6 माह में 86 संस्थानों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। नापतौल निरीक्षक ने बताया कि 86 संस्थानों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर 56 संस्थानों के प्रकरणों का निराकरण कर विभागीय राजीनामा शुल्क 11 लाख 19 हजार 600 रुपये राजस्व वसूला गया, शेष 30 प्रकरणों में विभागीय कार्यवाही जारी है तथा अभियोजन एवं सत्यापन कार्य से कुल 28 लाख 99 हजार 847 रूपये मात्र राजस्व प्राप्त किया गया जो कि गत वर्ष की तुलना में प्राप्त किये गये राजस्व की तुलना में 8 लाख 14 हजार 132 रुपये अधिक है।
इन पर की कार्यवाही और वसूला शुल्क
नापतौल विभगा के द्वारा हाल ही में विभाग द्वारा अंतर्राज्यीय एवं स्थानीय कंपनियों जिनमें दिव्यशक्ति सीड्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात से 1 लाख 30 हजार रुपये, मोडेस्टो क्रोप प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा से 80 हजार रुपये, भारत क्रॉप साइंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान से 1 लाख 15 हजार रुपये, देवकिशनजी वक्ताजी एण्ड संस गुजरात से 1 लाख 5 हजार रुपये, टी. आर एण्ड संस गुजरात से 85 हजार रुपये, फार्मिस्ट एग्रो केम राजकोट कंपनी से 85 हजार रुपये, कार्तिक बायो सीड्स गुजरात से 45 हजार रुपये, एस.जी. ग्रुप एग्री साइंस प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान से 85 हजार रुपये, ग्रो एग्रो बायोटेक उ.प्र. से 30 हजार रूपये, प्रभुगोपाल एग्री प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड इंदौर से 30 हजार रूपये, पंकज पोहा उद्योग छत्तीसगढ़ से 30 हजार रूपये, रेड रोज मार्केटिंग लिमिटेड मुरैना से 22 हजार रूपये, चहल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड ग्वालियर से 17 हजार रूपये राजीनामा शुल्क वसूला गया।
जागे नापतौल निरीक्षक चतुर्वेदी ने कहा मिठाई के डिब्बे के साथ वजन तौला तो करेंगें कार्यवाही
लंबे समय से नींद में सो रहे नाप-तौल निरीक्षक आर.के.चतुर्वेदी जब अधिवक्ता विजय तिवारी की शिकायत के बाद जागे तो उन्होंने जिले के सभी मिठाई विक्रेताओं को निर्देशित किया कि वह मिठाई के साथ डिब्बे का वजन शामिल कर तौल कर नहीं दें, साथ ही दुकान संस्थान के सूचना पटल पर यह निर्देशित करें कि यहां मिठाई की तौल में डिब्बे का वजन शामिल नहीं है, मिठाई विक्रय करते समय कोई सर्विस एवं पैकिंग चार्ज नहीं लिया जाता है, मिठाई की शुद्धता तौल एवं क्वालिटी के विषय में आश्वस्त होने पर ही मिठाई की कीमत अदा करें। निरीक्षण के दौरान निर्देशों का पालन नहीं किये जाने पर मिठाई विक्रेता के विरुद्ध विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
कार्यवाही का असर कि नाप-तौल विभाग ने छ: माह में 86 संस्थानों पर कार्यवाही का दिया विवरण, 30 लाख वसूली भी की
नाप-तौल (विधिक माप विज्ञान) विभाग शिवपुरी द्वारा जिला प्रशासन एवं वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशन में चलाये गये जांच अभियान के दौरान शिवपुरी जिले में विभिन्न संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अनियमितता पाये जाने पर विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही कर माह अप्रैल 2024 से सितम्बर 2024 तक 6 माह में 86 संस्थानों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। नापतौल निरीक्षक ने बताया कि 86 संस्थानों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर 56 संस्थानों के प्रकरणों का निराकरण कर विभागीय राजीनामा शुल्क 11 लाख 19 हजार 600 रुपये राजस्व वसूला गया, शेष 30 प्रकरणों में विभागीय कार्यवाही जारी है तथा अभियोजन एवं सत्यापन कार्य से कुल 28 लाख 99 हजार 847 रूपये मात्र राजस्व प्राप्त किया गया जो कि गत वर्ष की तुलना में प्राप्त किये गये राजस्व की तुलना में 8 लाख 14 हजार 132 रुपये अधिक है।
इन पर की कार्यवाही और वसूला शुल्क
नापतौल विभगा के द्वारा हाल ही में विभाग द्वारा अंतर्राज्यीय एवं स्थानीय कंपनियों जिनमें दिव्यशक्ति सीड्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात से 1 लाख 30 हजार रुपये, मोडेस्टो क्रोप प्रोटेक्शन प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा से 80 हजार रुपये, भारत क्रॉप साइंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान से 1 लाख 15 हजार रुपये, देवकिशनजी वक्ताजी एण्ड संस गुजरात से 1 लाख 5 हजार रुपये, टी. आर एण्ड संस गुजरात से 85 हजार रुपये, फार्मिस्ट एग्रो केम राजकोट कंपनी से 85 हजार रुपये, कार्तिक बायो सीड्स गुजरात से 45 हजार रुपये, एस.जी. ग्रुप एग्री साइंस प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान से 85 हजार रुपये, ग्रो एग्रो बायोटेक उ.प्र. से 30 हजार रूपये, प्रभुगोपाल एग्री प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड इंदौर से 30 हजार रूपये, पंकज पोहा उद्योग छत्तीसगढ़ से 30 हजार रूपये, रेड रोज मार्केटिंग लिमिटेड मुरैना से 22 हजार रूपये, चहल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड ग्वालियर से 17 हजार रूपये राजीनामा शुल्क वसूला गया।
जागे नापतौल निरीक्षक चतुर्वेदी ने कहा मिठाई के डिब्बे के साथ वजन तौला तो करेंगें कार्यवाही
लंबे समय से नींद में सो रहे नाप-तौल निरीक्षक आर.के.चतुर्वेदी जब अधिवक्ता विजय तिवारी की शिकायत के बाद जागे तो उन्होंने जिले के सभी मिठाई विक्रेताओं को निर्देशित किया कि वह मिठाई के साथ डिब्बे का वजन शामिल कर तौल कर नहीं दें, साथ ही दुकान संस्थान के सूचना पटल पर यह निर्देशित करें कि यहां मिठाई की तौल में डिब्बे का वजन शामिल नहीं है, मिठाई विक्रय करते समय कोई सर्विस एवं पैकिंग चार्ज नहीं लिया जाता है, मिठाई की शुद्धता तौल एवं क्वालिटी के विषय में आश्वस्त होने पर ही मिठाई की कीमत अदा करें। निरीक्षण के दौरान निर्देशों का पालन नहीं किये जाने पर मिठाई विक्रेता के विरुद्ध विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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