सागर । घातक हथियारों से मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण भगवान सिह उर्फ राजेश , भैयाराम एवं अर्पित उर्फ पुष्पेन्द्र को भा.द.वि. की धारा- 302/34 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से, माननीय न्यायालय विषेष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत सक्सेना की अदालत नेे दंडित किया। शेष 02 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया , मामले में एक आरोपी तेज सिह फरार चल रहा है । मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनॉक 02.08.2022 को दोहपर लगभग 01 बजे ग्राम सीहोरा मेे राजमंदिर के पास रहने वाले आहत मूरत सिंह उर्फ बबलू दांगी को सेमराढाना रोड विजय सिंह ठाकुर के निर्माणाधीन वेयर हाउस के पास पुरानी जमीनी बुराई पर से अभियुक्त भैयाराम दांगी, रामसिंह दांगी, मलखान सिंह दांगी, भगवान सिंह उर्फ राजेश दांगी , अर्पित उर्फ पुष्पेंद्र सिंह दांगी ने रास्ता रोककर मॉ-बहिन की गालियॉ दी गालियॉ देने से मना करने पर सभी ने एक राय होकर जान से मारने की नियत से लाठी-डंडा एवं कुल्हाड़ी से उसकी मारपीट की उसके माथे, दोनों हाथ-पैरों तथा सिर में पीछे गंभीर चोटे आई मौके पर उसका भतीजा रामवेद सिंह तथा गॉव का दौलत लोधी आ गये जिन्होंने बीच बचाव किया । पॉचों अभियुक्तगण जाते समय रिपोर्ट की तो जान से खत्म करने की धमकी देते हुये चले गये।
सूचना पर थाना राहतगढ़ की पुलिस घटना स्थल पर पहुॅची आहत को बुंदेलखंड मेडीकल कालेज लेकर गये जहॉ आहत मूरत सिंह की रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा- 307, 147, 148, 149, 341, 506बी की देहाती नालिसी पंजीबद्ध की गई , देहाती नालिसी के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये , इलाज के दौरान आहत मूरत सिंह की मृत्यु हो गई , प्रकरण में धारा- 302 भादवि का इजाफा किया गया विवेचना के अनुक्रम में आई साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में आरोपी राम सिह दांगी का नाम जोड़ा गया । विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध चालान न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय में कराई गई एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं बहस के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत पेश किये गये एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत माननीय न्यायालय विष्ेाष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत सक्सेना की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
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