श्रीकृष्ण सरल व्याख्यान माला सम्पन्नशिवपुरी-भारत मे लंबे समय तक साहित्य के माध्यम से खलनायकों को नायक और नायकों को खलनायकों के रूप में प्रस्तुत किया गया अर्थात सत्य से दूर किया गया, जिसकी वजह से भारतीय संस्कृति मूलभूत तत्वों को समझने में दिक्कतें हुई और उसके कारण तमाम विकृतियों ने जन्म लिया। उक्त उदगार गुरुकुल रोझड से शिक्षा प्राप्त आचार्य प्रशांत शर्मा ने मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग से सम्बद्ध साहित्य अकादमी के श्रीकृष्ण सरल व्याख्यान माला में मुख्य वक्ता के रूप में विचार प्रकट किए।
मुख्य अतिथि रूप में बोलते हुए शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन ने कहा कि श्रीकृष्ण सरल जिनका शिवपुरी से भी गहरा नाता रहा, जिनके साहित्य से राष्ट्रभक्ति का संचार होता है, उनके जीवन चरित्र को प्रस्तुत करने युवाओं को खासकर उससे जोडऩे के लिए ऐसे कार्यक्रम अति आवश्यक है। कार्यक्रम में शिवपुरी की कला साहित्य संस्कृति से जुड़ी हुई उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। वंदना शिवहरे की प्रदर्शनी व अवनी राहुरीकर की रंगोली की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम भारतीय संस्कृति के अनुसार हवन से प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम में समीर गांधी के द्वारा बोले गए वैदिक मंत्रों के साथ सभी साहित्यकारों ने आहुति प्रदान की तत्पश्चात कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक आशुतोष शर्मा ओज ने किया। द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे प्रदीप अवस्थी, आशीष पटेरिया पिछोर, सौरभ तिवारी करैरा, अंजली गुप्ता, बसंत श्रीवास्तव, श्याम शास्त्री, मुकेश शर्मा बदरवास, मीनाक्षी शर्मा, कल्पना सिनोरिया ने कविता पाठ किया। काव्य गोष्ठी का संचालन शुभाष पाठक जिया ने किया। इससे पूर्व शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार गोविंद अनुज की कृति तुम चंदन हम पानी का विमोचन भी किया गया। आभार डॉ योगेंद्र शुक्ला ने व्यक्त किया।
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