सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शान्ति महायज्ञ के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलनशिवपुरी- श्री श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शान्ति महायज्ञ आयोजित कवि सम्मेलन में शुरू होने के पहले आचार्य श्री बा. ब्र. मनोज भैया (लल्लन भैया) जबलपुर ने अपने श्रीमुख से कहा कि लोगों से जुडऩा सीखो, लोगों को जोडऩा सीखो किसी धार्मिक आयोजन को करने से जो पुण्य मिलता है उससे भी अधिक किसी एक व्यक्ति को भी अपने आयोजन में बुलाया कर धर्म का मार्ग दिखाने से मिलता है और सारी व्यवस्थाओ के बाद भी मन को समर्पित नहीं किया तो अनुष्ठान का पूर्ण फल नहीं मिलता।
कविसम्मेलन की शुरुआत शिवपुरी शहर की कवियत्री अंजली गुप्ता ने गुरुवाणी से की उन्होंने भगवान महावीर जी के चरणों में समर्पित इन पंक्तियों से अपने काव्य पाठ की शुरुआत की मन को चरणों में अर्पण किया ही नहीं। नाम साँसों में सुमिरन किया ही नहीं।। प्रभु आएँगे कैसे तुम्हारी डगर। तुमने ह्रदय समर्पण किया ही नहीं।। साथ ही अंजली गुप्ता ने कहा कि जिस मंदिर के आंगन में मैं बचपन से खेली हूँ, आज मेरा सौभाग्य है कि उसी में मुझे काव्यपाठ करने का मौका मिला है चूंकि मेरी मां जैन समाज से है तो बचपन में मैंने आचार्य जी की कक्षाएं भी जॉइन की हैं बचपन मे सीखी हुई जिनवाणी भक्ताम्बर पाठ आज भी याद हैं। सेवढ़ा से पधारे कवि सतेंद्र सत्तन ने बेहतरीन दोहों ओर बेटियों को समर्पित कविता पढ़कर श्रोताओं के मन मोह लिया। अंत में सिद्धचक्र विधानमंडल के आयोजक व कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे अनिल जैन ने अपने अंदाज में कविताएं पढ़कर श्रोताओं को खूब हंसाया।
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