कैलामाता मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में बताया श्रीकृष्ण लीला का महत्वशिवपुरी-कैला माता मंदिर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथावाचक वालयोगी पं.बासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा शिव विवाह की आनंद मयी लीला का श्रवण कराया साथ ही ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र की कथाओं का भी भक्तों को रस पान कराया। उन्होंने ध्रुव चरित्र का आध्यात्मिक वर्णन करते हुए कहा कि ध्रुव को भले ही सौतेली माता सुरुचि ने महल से बाहर कर दिया किंतु तपस्या करने के बाद जब ध्रुव वैकुंठ को जा रहे थे तो ध्रुव ने भगवान से निवेदन किया कि नाथ मेरी विमाता को और साथ ले चलो। संत का यही लक्षण होता है यदि कोई संत को हानि पहुंचाता है तो भी संत उसके कल्याण का विचार करता है, धन्य है ऐसी संतान जिनके कारण उनके माता पिता एवं विमाता को भगवान के गोलोक धाम की प्राप्ति हुई। सनातन धर्म मंडल एवं कैला माता जागरण समिति और अन्य सभी माता के भक्तों के सहयोग से यह वार्षिक कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें सैंकड़ों माता के भक्त श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं।
कैलामाता मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में बताया श्रीकृष्ण लीला का महत्वशिवपुरी-कैला माता मंदिर पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथावाचक वालयोगी पं.बासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा शिव विवाह की आनंद मयी लीला का श्रवण कराया साथ ही ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र की कथाओं का भी भक्तों को रस पान कराया। उन्होंने ध्रुव चरित्र का आध्यात्मिक वर्णन करते हुए कहा कि ध्रुव को भले ही सौतेली माता सुरुचि ने महल से बाहर कर दिया किंतु तपस्या करने के बाद जब ध्रुव वैकुंठ को जा रहे थे तो ध्रुव ने भगवान से निवेदन किया कि नाथ मेरी विमाता को और साथ ले चलो। संत का यही लक्षण होता है यदि कोई संत को हानि पहुंचाता है तो भी संत उसके कल्याण का विचार करता है, धन्य है ऐसी संतान जिनके कारण उनके माता पिता एवं विमाता को भगवान के गोलोक धाम की प्राप्ति हुई। सनातन धर्म मंडल एवं कैला माता जागरण समिति और अन्य सभी माता के भक्तों के सहयोग से यह वार्षिक कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें सैंकड़ों माता के भक्त श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं।
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