राष्ट्रीय अध्यक्ष कोड़े ने किया जंगी प्रदर्शन का एलान, 4 सितंबर को आरक्षण के पक्ष में सौंपेगे ज्ञापनशिवपुरी। विगत दिवस अनुसूचित जाति के एक विशेष जाती के नेताओं के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वर्गीकरण के विरोध में निकली रैली के बाद अब अनुसूचित जाति समाज के एक प्रमुख धड़े द्वारा इस वर्गीकरण का समर्थन किये जाने की घोषणा की गई है। बाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर कोड़े ने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय के वर्गीकरण के फैसले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वर्गीकरण के निर्णय का सफाई पेशे से जुड़े जितनी भी जातियां हैं वह सब स्वागत करती हैं। इस फैसले के स्वागत में विगत दिवस वाल्मीकि समाज के द्वारा वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर कोड के मार्गदर्शन में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में माननीय सुप्रीम कोर्ट की वर्गीकरण आरक्षण के फैसले के स्वागत में 4 सितंबर को वाल्मीकि समाज एक जंगी प्रदर्शन कर आरक्षण वर्गीकरण की समर्थन में देश के प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेगा। माना जा रहा है कि माननीय न्यायालय के निर्णय के बाद अब अनुसूचित जाति के नेताओं में भी आपसी सामंजस्य का अभाव पैदा हो गया है और समाज मे एकाएक कई धड़े सामने आ रहे है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कोड़े ने किया जंगी प्रदर्शन का एलान, 4 सितंबर को आरक्षण के पक्ष में सौंपेगे ज्ञापनशिवपुरी। विगत दिवस अनुसूचित जाति के एक विशेष जाती के नेताओं के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण वर्गीकरण के विरोध में निकली रैली के बाद अब अनुसूचित जाति समाज के एक प्रमुख धड़े द्वारा इस वर्गीकरण का समर्थन किये जाने की घोषणा की गई है। बाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर कोड़े ने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय के वर्गीकरण के फैसले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वर्गीकरण के निर्णय का सफाई पेशे से जुड़े जितनी भी जातियां हैं वह सब स्वागत करती हैं। इस फैसले के स्वागत में विगत दिवस वाल्मीकि समाज के द्वारा वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर कोड के मार्गदर्शन में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में माननीय सुप्रीम कोर्ट की वर्गीकरण आरक्षण के फैसले के स्वागत में 4 सितंबर को वाल्मीकि समाज एक जंगी प्रदर्शन कर आरक्षण वर्गीकरण की समर्थन में देश के प्रधानमंत्री और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेगा। माना जा रहा है कि माननीय न्यायालय के निर्णय के बाद अब अनुसूचित जाति के नेताओं में भी आपसी सामंजस्य का अभाव पैदा हो गया है और समाज मे एकाएक कई धड़े सामने आ रहे है।
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