शगुन वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में माता पिता की सेवा और बच्चो में धर्म ज्ञान का महत्वशिवपुरी - इस संसार में माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल उद्देश्य है, बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। माता पिता की सेवा और बच्चो में धर्म ज्ञान का यह संदेश दिया प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वाचक साध्वी रचना प्रणव (श्रीधाम वृंदावन) जी ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में सुमत हार्डवेयर परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में आशीर्वचन प्रदान कर रही थी। इस अवसर पर सुमत हार्डवेयर संचालक सुमत कुमार गोयल व यजमान श्रीमती पलक-विकास गोयल के द्वारा कथा प्रारंभ से पूर्व कथा पूजन किया गया तत्पश्चात साध्वी जी से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही कथा में भगवान भोलेनाथ की आकर्षक झांकी व कथा वृतांत भी साध्वी रचना प्रणव जी के द्वारा प्रकाश डाला गया और पति पत्नी व माता-पिता की सेवा के साथ साथ बच्चो में धर्म ज्ञान का समावेश किस प्रकार से किया जाए, इसे लेकर कथा में उपस्थित श्रद्धालुओ को श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से मार्ग प्रशस्त किया। कथा में नगर के गणमान्य नागरिक व कथा आयोजक परिजनों ने भाग लिया और कथा के समस्त प्रसंगों का श्रवण किया। इस अवसर पर कथा में सेवा सहयोग प्रदान कर रहे सोनू गुप्ता खतौरा के साथ साथ मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष रामजी लाल बंसल, पूर्व अध्यक्ष अजीत अग्रवाल, निर्मल गुप्ता, विष्णु गुप्ता (पिपारघार वाले),पूर्व अध्यक्ष व पार्षद गौरव सिंघल, पूर्व पार्षद गणेश गुप्ता आदि सहित अन्य जन प्रतिनिधि एवं समाज के लोग मौजूद रहे।
शगुन वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में माता पिता की सेवा और बच्चो में धर्म ज्ञान का महत्वशिवपुरी - इस संसार में माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल उद्देश्य है, बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। माता पिता की सेवा और बच्चो में धर्म ज्ञान का यह संदेश दिया प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वाचक साध्वी रचना प्रणव (श्रीधाम वृंदावन) जी ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में सुमत हार्डवेयर परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में आशीर्वचन प्रदान कर रही थी। इस अवसर पर सुमत हार्डवेयर संचालक सुमत कुमार गोयल व यजमान श्रीमती पलक-विकास गोयल के द्वारा कथा प्रारंभ से पूर्व कथा पूजन किया गया तत्पश्चात साध्वी जी से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही कथा में भगवान भोलेनाथ की आकर्षक झांकी व कथा वृतांत भी साध्वी रचना प्रणव जी के द्वारा प्रकाश डाला गया और पति पत्नी व माता-पिता की सेवा के साथ साथ बच्चो में धर्म ज्ञान का समावेश किस प्रकार से किया जाए, इसे लेकर कथा में उपस्थित श्रद्धालुओ को श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से मार्ग प्रशस्त किया। कथा में नगर के गणमान्य नागरिक व कथा आयोजक परिजनों ने भाग लिया और कथा के समस्त प्रसंगों का श्रवण किया। इस अवसर पर कथा में सेवा सहयोग प्रदान कर रहे सोनू गुप्ता खतौरा के साथ साथ मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष रामजी लाल बंसल, पूर्व अध्यक्ष अजीत अग्रवाल, निर्मल गुप्ता, विष्णु गुप्ता (पिपारघार वाले),पूर्व अध्यक्ष व पार्षद गौरव सिंघल, पूर्व पार्षद गणेश गुप्ता आदि सहित अन्य जन प्रतिनिधि एवं समाज के लोग मौजूद रहे।
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