वाय के राय के द्वारा एक बार फिर से अपनी मनमानियों पर संचालित किया जा रहा कोलारस महाविद्यालयशिवपुरी- कोलारस स्थित शासकीय महाविद्यालय में लंबे समय बाद प्राचार्य पद से हटे प्रभारी प्राचार्य वाय.के.राय के स्थानांतरण के बाद भी यहां जिम्मेदार नवीन प्राचार्य के रूप में राजीव दुबे को दायित्व मिला लेकिन वह भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नजर नहीं आ रहे है।
यहां राजीव दुबे जो कि अंग्रेजी विषय के प्रोफेसर है और वह कोलारस महाविद्यालय में पदस्थी के बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है यही कारण है कि कोलारस महाविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चौपट होती हुई नजर नहीं आ रही है। राजीव दुबे के द्वारा प्राचार्य का दायित्व नहीं संभालने के कारण वर्तमान में प्रभारी प्राचार्य के रूप में एक बार फिर से वाय के राय के द्वारा ही यहां अपनी जिम्मेदारियां संभाली जा रही है जबकि यहां वर्तमान प्रभारी प्राचार्य राय के विरूद्ध अनेकों शिकायतें विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी की गई थी यही कारण रहा कि इन्हें यहां से हटाने के बाद भी वह अपना दायित्व छोडऩा नहीं चाहते लेकिन इससे शासन के नियम निर्देशों की अव्हेलना हो रही है। बताना होगा कि प्रभारी प्राचार्य के रूप में वाय के राय को यहां से प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी से हटा दिया गया था और नवीन जिम्मेदारी के रूप में राजीव दुबे को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया लेकिन बताते है कि राजीव दुबे ने यहां आकर अपना कार्यभार ही संभालना मुनासिब नहीं समझा और यही कारण है कि यहां एक बार फिर से पूर्व प्रभारी प्राचार्य वाय के राय की मनमानियां जा रही है।
शिक्षा व्यवस्था हो रही चौपट
कोलारस महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के रूप में यूं तो राजीव दुबे को दायित्व संभालकर यहां शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना था लेकिन जब से वह यहां नियुक्त हुए है तब से उन्होंने यहां का रूख ही नहीं किया और यही कारण है कि कोलारस के इस महाविद्यालय में मनमर्जी चल रही है जहां जब चाहे जो प्रोफेसर आए और अपना कार्य करके चले गए। ऐसे में शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कराए जाने वाले कार्यों का यहां के होनहार कॉलेज विद्यार्थियों पर भी असर पड़ रहा है जिसके चलते कोलारस महाविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चौपट बनी हुई है। इस मामले को लेकर कई बार कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी प्रबंधन से मांग की लेकिन कोई ध्यान ना दिए जाने के कारण जस के तस बने हुए है।
कोलारस महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के रूप में यूं तो राजीव दुबे को दायित्व संभालकर यहां शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना था लेकिन जब से वह यहां नियुक्त हुए है तब से उन्होंने यहां का रूख ही नहीं किया और यही कारण है कि कोलारस के इस महाविद्यालय में मनमर्जी चल रही है जहां जब चाहे जो प्रोफेसर आए और अपना कार्य करके चले गए। ऐसे में शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कराए जाने वाले कार्यों का यहां के होनहार कॉलेज विद्यार्थियों पर भी असर पड़ रहा है जिसके चलते कोलारस महाविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चौपट बनी हुई है। इस मामले को लेकर कई बार कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी प्रबंधन से मांग की लेकिन कोई ध्यान ना दिए जाने के कारण जस के तस बने हुए है।
वाय के राय की कार्यप्रणाली की होगी जांच तो होंगें बड़े खुलासे
सूत्र बताते है कि प्रभाीर प्राचार्य के रूप में कार्य करने वाले वाय.के.राय के कार्यकाल की यदि जांच की जाए तो कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। एक ओर जहां स्वयं विधायक महेन्द्र यादव के द्वारा वाय के राय की कार्यप्रणाली को लेकर एक कार्यक्रम में अपनी नाराजगी व्यक्त की गई तो वहीं दूसरी ओर वाय के राय के द्वारा मनमाने ढंग से अपने दायित्व के बहाने कई ऐसे कार्यों को पूर्ण किया गया जो धरातल पर देखने को ही नहीं मिले। सूत्रों ने यहां तक बताया कि अतिथि शिक्षकों से यहां वाय के राय के द्वारा अवैध वसूली भी की गई जहां अतिथि शिक्षकों के आने-ना आने को लेकर अच्छा खासा अवैध वसूली का कारोबार यहां किया गया। इसके अलावा कॉलेज में कई ऐसे कार्य जिन्हें किया ही नहीं जाना था वह कार्य मनमाने ढंग से वाय के राय के कार्यकाल में किए गए।
सूत्र बताते है कि प्रभाीर प्राचार्य के रूप में कार्य करने वाले वाय.के.राय के कार्यकाल की यदि जांच की जाए तो कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। एक ओर जहां स्वयं विधायक महेन्द्र यादव के द्वारा वाय के राय की कार्यप्रणाली को लेकर एक कार्यक्रम में अपनी नाराजगी व्यक्त की गई तो वहीं दूसरी ओर वाय के राय के द्वारा मनमाने ढंग से अपने दायित्व के बहाने कई ऐसे कार्यों को पूर्ण किया गया जो धरातल पर देखने को ही नहीं मिले। सूत्रों ने यहां तक बताया कि अतिथि शिक्षकों से यहां वाय के राय के द्वारा अवैध वसूली भी की गई जहां अतिथि शिक्षकों के आने-ना आने को लेकर अच्छा खासा अवैध वसूली का कारोबार यहां किया गया। इसके अलावा कॉलेज में कई ऐसे कार्य जिन्हें किया ही नहीं जाना था वह कार्य मनमाने ढंग से वाय के राय के कार्यकाल में किए गए।
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