प्रतिकर जमा ना करने पर 15 दिन के अतिरिक्त सश्रम कारावास की दी सजाशिवपुरी-एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमित प्रताप ङ्क्षसह के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 1 माह का साधारण कारावास एवं 1लाख 36 हजार रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर 15 दिवस का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार परिवादी मुकेश परिहार पुत्र रामदयाल परिहार निवासी लुधावली शिवपुरी से लीलावती पत्नि बादाम सिंह झा निवासी आर.के.पुरम, मस्जिद के पीछे, झींगुरा जिला शिवपुरी एक-दूसरे से भलीभांति परिचित थे। परिवादी मुकेश परिहार से आरोपी महिला लीलावती ओझा ने अपनी पारिवारिक एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 1 लाख रूपये की राशि 16.04.2016 को प्राप्त किए थे और उक्त दिनांक को ही उधार ली गई राशि के भुगतान हेतु विजया बैंक शाखा शिवपुरी का 16.04.2016 का चैक भुगतान हेतु प्रदत्त किया था। आरोपी लीलावती ने कहा था कि उक्त चैक भुगतान हेतु अपने बैंक खाते में जमा कर देना तो आवश्यक रूप से चैक का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। परिवादी मुकेश परिहार ने अभियुक्त लीलावती के द्वारा भुगतान हेतु प्रदत्त चैक अपनी शाखा विजया बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो आरोपी लीलावती का चैक अपर्याप्त निधि के साथ बैंक रिटर्न मेमो के साथ वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी लीलावती को भेजा गया। आरोपी लीलावती झा ने नोटिस के 15 दिवस बीत जाने के बाद भी उक्त धन राशि परिवादी मुकेश परिहार को अदा नहीं की। तब परिवादी मुकेश परिहार ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमित प्रताप सिंह के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त लीलावती झा को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 1 माह का साधारण कारावास एवं 1 लाख 36 हजार रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी मुकेश परिहार को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर 15 दिवस का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
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