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Monday, July 1, 2024

प्रेरणा की प्रतिमूर्ति रही एएनएम श्रीमती मनोरमा यादव, निधन पर समाजजनों ने दी श्रद्धांजलि


ग्रामीण परिवेश में अल्प समय में पति के निधन के बाद 4 बच्चों को देश सेवा के लिए किया समर्पित

शिवपुरी- एक आदर्श और प्रेरणा की पूर्तिमूर्ति के रूप में दूरस्थ ग्रामीण अंचल चन्दावनी में रहकर अपने आंचल से पति का अल्प समय में साथ छूटने के बाद भी अपने 4 बच्चों को देश सेवा के लिए समर्पित करने वाली एएनएम श्रीमती मनोरमा यादव बैकुण्ठवासी हो गई, लेकिन आज भी उनके आदर्श और उनके बच्चों की परवरिश, संस्कारों का परिणाम है कि वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गई है।  यादव समाज का नाम रोशन करने वाली दिवंगत डॉ.मनोरमा यादव के निधन पर अपनी गहन संवेदनाऐं व्यक्त की युवा पत्रकार राजू यादव (ग्वाल) ने जिनके साथ उनके बचपन के मित्र जितेन्द्र सिंह रावत, गिर्राज चतुर्वेदी, मीना भार्गव भी रहे जिन्होंने दिवंगत श्रीमती मनोरमा यादव के देहावसान पश्चात गृह ग्राम चंदावनी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अपने अनुभव उपस्थित समाजजनों के बीच साझा किए। इस दौरान मित्रगण यशवन्त सिंह परिहार, द्वारका प्रसाद परिहार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे जिन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार से एक मॉ जो दूरस्थ ग्रामीण अंचल पिछोर क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम चंदावनी में अपने पति के साथ गृहस्थ जीवन व्यतीत कर रही थी कि तभी अल्प समय में पति का साथ छूट गया और घर में किलकारी करने वाले 4 बच्चों ने जन्म लिया। इन मासूम बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी श्रीमती मनोरमा यादव के कंधों पर थी लेकिन सामाजिक मर्यादाओं और ग्रामीण परिवेश की बेतुकी परंपराओं को तिलांजलि देते हुए घर से बाहर निकलकर पीडि़त मानवता की सेवा के लिए एएनएम स्वास्थ्य विभाग से संबंद्ध जैसी शासकीय सेवा प्राप्त की और अपने कार्य से पूरे ग्रामीण क्षेत्र में एक कुशल एएनएम के रूप में प्रसिद्धि पाई। 

इसी दौरान बच्चों की शिक्षा को लेकर घर से करीब 70 किमी दूर जिला मुख्यालय शिवपुरी पर निवास बनाया और यहां अपने 4 बच्चों को शिक्षा बेहतर शिक्षा प्रदान करते हुए उनका उज्जवल भविष्य संवारा जिसमें ज्येष्ठ पुत्र सुरेन्द्र सिंह यादव जो कि वर्तमान में आईटीबीपी में निरीक्षक के पद पर कार्यरत है, उससे छोटा महेन्द्र सिंह यादव वह भी आईटीबीपी में पदस्थ होकर आरक्षक के रूप में देश सेवा के लिए समर्पित है, तीसरा पुत्र जितेन्द्र सिंह यादव जो कि शिक्षा के क्षेत्र में आगे आकर अतिथि शिक्षक के रूप में देश सेवा कर रहा है और सबसे छोटा पुत्र अनुज सचेन्द्र सिंह यादव जिसने हमेशा अपने बुलंद हौंसलों से अपने तय लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी वह आज सशस्त्र सीमा बल जैसे प्रतिष्ठित देश के बल में अनुकरणीय सेवा प्रदान करते हुए निरीक्षक के रूप में अरूणाचल प्रदेश में कार्यरत है।

आज दिवंगत श्रीमती मनोरमा यादव के अंतिम क्षणों में भी सभी पुत्रों के द्वारा समान भाव से सेवा की गई और वह परलोकधाम भले ही चली गई लेकिन उनका आर्शीवाद और उनके द्वारा की गई अनुकरणीय सेवाओं को आज भी ग्राम चंदावनी सहित जिला मुख्यालय शिवपुरी के रहवासी हमेशा स्मरण करते है। सभी ने मिलकर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत श्रीमती मनोरमा यादव के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया और दु:ख की इस घड़ी में शोक संतृप्त परिवार को धैर्य धारण करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

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