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Tuesday, July 23, 2024

सागर /सीने में चाकू घोंप कर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर
। सीने में चाकू घोंप कर हत्या करने वाले आरोपी समीर जाटव को भा.द.वि. की धारा- 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 201 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड एवं आयुध अधिनियम की धारा- 27(1) के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से, माननीय न्यायालय विषेष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत कुमार सक्सेना की अदालत नेे दंडित किया।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।

जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि षिकायतकर्ता/फरियादी रामबाई आदिवासी ने थाना गोपालगंज में दिनॉक 02.12.2021 को इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उसका तीसरे नंबर का लड़का लखन आदिवासी रात के लगभग 8ः00 बजे थोड़ी देर से आने का कहकर घर से गया था जो देर रात तक नहीं आया। जिसकी तलाश करने पर उसका काई पता नहीं चलने पर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लेख कराई । जिस पर से थाना गोपालगंज द्वारा गुमइंसान पंजीबद्ध किया गया , गुमइंसान की जॉच के दौरान थाना गोपालगंज द्वारा अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा-363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान घटना स्थल का निरीक्षण कर नक्शा मौका तैयार किया गया एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये जिसमे साक्षी लखन रैकवार ने बताया कि दिनॉक 01.12.2021 को वह लखन आदिवासी के साथ आगम पेट्रोल पंप के सामने सुलभ कॉम्पलेक्स के पास मगौड़ी खाकर बैठा था तभी वहॉ से समीर जाटव एवं सचिन निकले। 

समीर जाटव  की लखन आदिवासी से पहले से किसी बात पर रंजिश थी जिस पर से समीर जाटव ने लखन आदिवासी को गालियॉ दी , लखन आदिवासी ने गालियॉ देने से मना किया तो इस बात पर से समीर जाटव ने अपनी जॉकेट से चाकू  निकाल लिया और समीर के दोस्त सचिन ने मुझसेे बोला कि यहॉ से भाग जाओ तो मै डर कर भाग गया और घर जाकर सो गया। दूसरे दिन पता चला कि लखन आदिवासी घर पर नहीं है तो मैने पूरी घटना लखन की मॉ और भाई सुरेंद्र को बताई इस आधार पर दिनॉक 03.12.2021 को थाना प्रभारी निरी. उपमा सिंह ने समीर जाटव को अभिरक्षा में लेकर समक्ष गावाहान पूछताछ की तो समीर जाटर ने घटना के संबंध में जानकारी दी और बताया कि पुरानी रंजिश पर से लखन आदिवासी को चाकू सीने पर मारा था और उसकी लाश को सेप्टिक टेंक में डाल दिया था।         

जानकारी के आधार पर उसने घटना में प्रयुक्त गुप्तीनुमा चाकू जप्त कराये तथा समीर जाटव की  निशानदेही पर घटना स्थल आगम पेट्रोल पंप के पास स्थिल सुलभ काम्पलेक्स के सेप्टिक टैंक से मृत अवस्था में लखन आदिवासी के शव को बरामद कर शव बरामदगी पंचनामा तैयाीर किया गया है आवश्यक कार्यवाही उपरांत शव को पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल भेजा गया, घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित की गई ।

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये घटना से संबंधित महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य का संकलन किया गया। भादवि की धारा-302, 201 एवं धारा-27 आर्म्स एक्ट की धारा का इजाफा किया गया। विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत माननीय न्यायालय विष्ेाष अपर-सत्र न्यायाधीष जिला-सागर श्रीमान प्रषांत कुमार सक्सेना की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया। 


कर्तव्य पर अनुपस्थित रहने का नोटिस देकर कार्यवाही के ऐवज में रिश्वत लेने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । कर्तव्य पर अनुपस्थित रहने का नोटिस देकर, कार्यवाही के ऐवज में रिश्वत लेने वाले आरोपी संदीप जैन को विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सागर म.प्र श्री आलोक मिश्रा की अदालत ने दोषी करार देते हुये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की घारा-7 के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं  धारा-16 के आलोक में 20,000/-(बीस हजार रूपये) रूपये अर्थदण्ड तथा भा.द.वि की धारा-384 के अंतर्गत 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया।मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में श्री लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी सहा. जिला अभियोजन अधिकारी ने की।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 27.12.18 को आवेदक वीरसिंह पुत्र स्व. जवाहर अहिरवार अधीक्षक शासकीय आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास केसली जिला सागर ने अभियुक्त संदीप जैन सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सागर के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय सागर को सम्बोधित करते हुये एक लिखित शिकायत/आवेदन इस आशय का दिया कि जब से अभियुक्त संदीप जैन सहायक आयुक्त सागर के पद पर पदस्थ हुआ है, तब से वह उससे प्रतिमाह 5,000/-रु. मांग रहा है, उसने अभियुक्त को  पैसे नहीं दिये तो अभियुक्त ने उसे अनुपस्थिति (कर्तव्य पर अनुपस्थित रहने) का नोटिस दिया और उससे कहा कि 5,000/-रु. नहीं देगा तो कार्यवाही कर देगा। वह अभियुक्त को रिश्वत नहीं देना चाहता है, बल्कि रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, वि.पु.स्था. लोकायुक्त कार्यालय, सागर ने उक्त आवेदन पर अग्रिम कार्यवाही हेतु निरीक्षक संतोष जामरा को अधिकृत किया।

आवेदन में वर्णित तथ्यों के सत्यापन हेतु एक डिजीटल वॉयस रिकॉर्डर दिया गया इसके संचालन का तरीका बताया गया, अभियुक्त से रिश्वत मांग वार्ता रिकॉर्ड करने हेतु निर्देशित किया तत्पश्चात् आवेदक द्वारा मॉगवार्ता रिकार्ड की गई एवं अन्य तकनीकि कार्यवाहियॉ की गई एवं टेªप कार्यवाही आयोजित की गई । नियत दिनॉक को आवेदक द्वारा अभियुक्त को राषि दी गई व आवेदक का इषारा मिलने पर टेªपदल के सदस्य मौके पर पहुॅचे और ट्रªेपदल अभियुक्त के मकान में प्रवेश कर गया और अभियुक्त को चारों ओर से घेर लिया। अभियुक्त को टेªपदल का परिचय देकर अभियुक्त का परिचय प्राप्त करने के उपरांत रिश्वत राशि के बारे में पूछे जाने पर बताया कि उसने आवेदक से कहकर रिश्वत राशि अपने कमरे में रखे पलंग पर रखे अखबार के नीचे रखवा दी है। 

तत्पश्चात् अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ की गई।विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटनास्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 एवं भा.द.वि. की धारा-384 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया।विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय-विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सागर श्री आलोक मिश्रा की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया ।

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