तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, नायब तहसीलदार, पटवारी और बाबू को बनाया जांच का जिम्मेदारशिवपुरी- आखिरकार ऐसा क्या है कि एक नहीं बल्कि दो-दो बार तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर नामांतरण किए जा रहे है और तहसीलदार को पता तक नहीं चल रहा। एक और फर्जी साईन का मामला बुधवार को प्रकाश में आया जब एक फर्जी आदेश में विक्रेता नेरश प्रताप ङ्क्षसह परमार पुत्र मंगल सिंह परमार के एक हजार वर्ग फीट के प्लॉट की नामांतरण की स्वीकृति बानो पुत्री अनवर खान निवासी ढीमर मोहल्ला को 17 अगस्त 2022 को दे दी गई। वहीं तहसील कार्यालय में फजल राईन की जमीन का नामांतरण शशि गुप्ता के नाम पर किये जाने का आदेश 7 जुलाई को जारी हुआ था। बताना होगा कि इससे पहले एक अन्य प्रकरण में 27 मार्च 2024 को एक आदेश की प्रति सामने आई थी जिसमें विजय गुप्ता नाम के व्यक्ति ने जमीन विक्रेता ऊषा गर्ग की जमीन के नामांतरण की स्वीकृति दे दी गई। वहीं इस पूरे मामले में तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा का कहना है कि मेरे किसी फर्जी साईन के द्वारा कोई नामांतरण नहीं किए गए है और इस मामले को लेकर थाना कोतवाली में शिकायत की गई है जिसकी जांच हो रही है।
ऐसे में यह मामला जांच का विषय है कि तहसीलदार के बिना सहमति के हस्ताक्षर कर नामांतरण कौन और किस प्रक्रिया के तहत किए जा रहा है वहीं दूसरी ओर एक जांच का विषय यह भी है कि इस फर्जी साईन मामले में जुलाई 2024 को तहसीलदार के द्वारा स्वयं ही एक टीम गठित की गई जिसमें जांच दल के रूप में इस फर्जी साईन की जांच के लिए नायब तहसीलदार अनिल धाकड़, आर.आई. प्रमोद शर्मा, पटवारी विवेक रावत, बाबू धीरज श्रीवास्तव को जिम्मेदारी दी गई जो कि स्वयं अचंभित करते है कि अपने सीनियर अधिकारी की जांच का जिम्मा उनके ही अधीनस्थ जूनियर के द्वारा की जाए, यह कैसी जांच टीम, इस पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है।
ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया में तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है कि उनके ही साईन से किस प्रकार से फर्जी नामांतरण की फाईलें आगे बढ़ रही है। इस पूरे मामले में अब जिला कलेक्टर रविन्द्र चौधरी से निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की आस है। वहीं इस पूरे मामले की असलयित 29 जुलाई को जांच प्रतिवेदन के रूप में सामने आई। इसे लेकर तहसील ऑफिस के अशोक कुमार भटनागर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ थाना कोतवाली ने प्रकरण दर्ज किया है। बताया गया है कि इस पूरे मामले को करीेब दो माह तब दबाया गया है ऐसे में और ना जाने कितने प्रकरण होंगें जो अभी सामने नहीं आए। वहीं इस पूरे मामले से राजस्व और शासन की छवि भी धूमिल हो रही है। चूंकि तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा 2 साल से शिवपुरी में पदस्थ है और इन्हीं दो वर्षों में यह फर्जी साईन कर नामांतरण वाले मामले भी सामने आए है जो कि गहन जांच का विषय है।
समीपस्थ जिलों में दो तहसीलदार लेकिन शिवपुरी में एक के जिम्मे दो क्षेत्र
बताना होगा कि शिवपुरी जिले के समीपस्थ ही गुना, दतिया, अशोकनगर भी मौजूद है लेकिन यहां अधिकांशत: सभी जिलो में दो-दो तहसीलदार कार्यरत है जिसमें गुना जिले में ग्रामीण और शहरी तहसीलदार इसमें शहर की कमान तहसीलदार जी.एस.वैरवा संभाल रहे है जबकि ग्रामीण क्षेत्र की कमान कमल मण्डेलिया के जिम्मे है लेकिन शिवपुरी जिले में ग्रामीण और शहरी के रूप में एक ही तहसीलदार लंबे समय से पदस्थ है जिसका जिम्मा वर्तमान में तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा के द्वारा संभाला जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण और शहरी आमजन को तहसील संबंधित अपने कार्यों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है यदि जिला मुख्यालय पर ही शहरी और ग्रामीण के रूप में दो तहसीलदार जिम्मेदारी संभाले तो आमजन को काफी हद तक राहत मिल सकेगी। देखना होगा इस ओर जिला प्रशासन क्या उचित कदम उठाता है?
यह है मामला
यह मामला उस समय सामने आया जब शिवपुरी तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा के हस्ताक्षर से 17 अगस्त 2022 को प्रकरण क्रं.1579/अ-6/2023-24 में नामांतरण स्वीकार करने संबंधी फर्जी आदेश पाया गया। इस फर्जी आदेश से ढीमर मोहल्ला शिवपुरी निवासी महिला शहरबानो पुत्री अनवर खान के नाम से विक्रय पत्र के आधार पर शिवपुरी टुकड़ा नं.2 स्थित भूमि सर्वे नंबर 1038/1/1/1/1/2/1/1/1के भाग के 1000 वर्ग फीट का नामांतरण स्वीकार होकर 17 अगस्त 2022 को अंकित है। जब शिवपुरी तहसील में फर्जी आदेश के प्रकरण क्रं.की छानबीन की तो उक्त प्रकरण के नाम से असली प्रकरण मिला जो 7 जुलाई 2023 को आवेदिका शशि गुप्ता पत्नि दिलीप गुप्ता निवासी हाथीखाना शिवपुरी का नामांतरण ग्राम सिंहनिवास के सर्वे नं.2469/4/3रकवा 0.6470 में रकवा 0.3235 हेक्टेयर पर नामांतरण स्वीकार किया है जो आरसीएमएस पोर्टल पर आदेश की तारीख 7 जुलाई 2023 में डिजीटल हस्ताक्षर से अपलोड है। इस मामले में जिले के किसी अन्य एसडीएम से जांच कराया जाना आवश्यक है ताकि गड़बड़ी करने वाले सामने आ सके और वर्तमान में जिसके खिलाफ जांच हो रही है वह भी जांच को प्रभावित ना कर सके।
इनका कहना है-
फर्जी साईन से कोई नामांतरण नहीं हुए है जबकि नामांतरण की स्वीकृति में डिजिटल हस्ताक्षर होना अनिवार्य है और जिन्होंने फर्जी साईन कर यह कार्य किया है उनके विरूरूद्ध थाना कोतवाली में शिकायत की है टीआई कोतवाली मामले की जांच कर रहे है।
सिद्धार्थ शर्मा
तहसीलदार, शिवपुरी
तहसीलदार के नाम से फर्जी साईन होने का मामला सामने आया है, अभी थाने में शिकायत की गई है हम मामले की जांच कराऐंगें और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
रविन्द्र चौधरी
कलेक्टर, शिवपुरी
मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि मैं इस मामले को दिखवाता हॅू फिर कुछ कह सकूंगा।
मनोज खत्री
संभागायुक्त, ग्वालियर
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