विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पौधा लगाकर मनाया
शिवपुरी- विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एक ऐसा अवसर है, जब सभी मिलकर प्रकृति के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं. यह दिन हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी कितनी अनमोल है और इसे संरक्षित करने के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिए. ये कहना था शक्ति शाली महिला संगठन के सबसे युवा सामाजिक कार्यकर्ता सचिन विश्वकर्मा का जो की ग्राम चिटोरा में शिक्षा विभाग एवम शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा संयुक्त रूप से विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे उन्होंने बताया कि हर साल दुनियाभर में 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है.
प्रकृति संरक्षण का इतिहास काफी पुराना है. प्राचीन काल से ही मानव सभ्यताएं प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध रखती आई हैं. कई संस्कृतियों में प्रकृति को देवी-देवताओं के रूप में पूजा जाता था और इसका संरक्षण करना एक धार्मिक कर्तव्य माना जाता था. आज के समय में इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन के बाद से पर्यावरण प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के ज्यादा दोहन के कारण प्रकृति को खतरा हो गया है. इसीलिए 20वीं सदी में प्रकृति संरक्षण के महत्व को समझा गया और इस दिशा में कई जरूरी कदम उठाए गए । विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इस विषय पर संस्था की कम्युनिटी चैंपियन विनिता यादव ने बताया की
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस लोगों को प्रकृति के महत्व और इसके सामने आने वाले खतरों के बारे में जागरूक करने का एक खास अवसर प्रदान करता है. यह दिन लोगों को प्रकृति संरक्षण के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर कुछ करने के लिए प्रेरित करता है. यह दिन सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों को पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक प्रभावी नीतियां बनाने और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए प्रेरित करता है. प्रकृति का संरक्षण करना भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने का सबसे अच्छा तरीका है. नर्मदा शाक्य ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस क्यों मनाया जाता है इस पर कहा की दुनिया भर में जीवों और पौधों की प्रजातियों का तेजी से विलुप्त हो रहा है.
मानवीय गतिविधियों के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप जलवायु में बदलाव हो रहा है. वायु, जल और मृदा प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को गंभीर खतरा है. वनों की अंधाधुंध कटाई से जैव विविधता का नुकसान हो रहा है और मिट्टी का क्षरण हो रहा है.
मिनरल्स, जल और ऊर्जा जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन से इनके भंडार कम हो रहे हैं. अंत में युवा चैंपियन पलक ने कहा की प्रकृति संरक्षण में कैसे करें योगदान प बोला की पेड़ लगाना जलवायु परिवर्तन से लड़ने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने का एक प्रभावी तरीका है.
बिजली, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग करके हम ऊर्जा की बचत कर सकते हैं.
कचरा कम करके और रीसाइक्लिंग करके हम पर्यावरण प्रदूषण को कम कर सकते हैं.पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग करके हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से बच सकते हैं.
जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए प्रयास करने चाहिए। स्कूल के शिक्षको ने भी अपने विचार रखे एवम सबसे अपील करी की अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रकृति संरक्षण के महत्व के बारे में अधिक से अधिक बताएं. ।
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