शिवपुरी। बैंक खातों से ऑनलाइन सायबर ठगी के दौर में ऑफलाइन ठगी के मामले भी सामने आने लगे हैं जिसमें खाता धारक के बिना बैंक शाखा में जाए ही उसके खाते से लाखों रूपए का आहरण हो जाता है और खाताधारक को इस बात का मालूमात तब होता है जब वह बैंक शाखा में पासबुक में एंट्री कराने जाता है। ऐसा ही एक मामला शिवपुरी शहर में सामने आया है जहां सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में एक महिला ग्राहक के खाते से फर्जी तरीके से फर्जी पासबुक तैयार कर व्हाउचर भरकर 1 लाख 15 हजार रूपए अलग अलग तिथियों में निकाल लिए गए। पीडित महिला ने इस मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की है।जानकारी के अनुसार खाताधारक कुसुम धाकड पत्नि अमरसिंह धाकड निवासी कान्हा्कुंज कॉलोनी शिवपुरी ने बताया कि उसका शिवपुरी एमएम अस्पताल के समीप सेन्ट्रल बैंक शिवपुरी में बैंक खाता है जिसका क्रमांक 3156283386 है प्रार्थिया के उक्तश खाते से किसी अज्ञात महिला को दिनांक 19 जुलाई 2024 को रकम 50 हजार दिनांक 21 जुलाई को 50 हजार एवं 26 को 15 हजार रूपए अज्ञात महिला को भुगतान कर दिया। तीन बार आहरण की गई इस राशि का पीड़िता को तो तब पता चला जब उसने अपने खाते में बैंलेंस चैक करने 19 जुलाई 2024 को पहुंची और प्रार्थिया ने घरू खर्च हेतु पच्चीस हजार रूपए निकाले तो उसके खाते में एकाएक बैलेंस कम दिखा।
पीडि़ता ने जब एक लाख पंद्रह हजार रूपए निकाले जाने के संबंध में बैंक कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि यह रूपए आपने ही निकाले होंगे जबकि जिन दिनांक में यह राशि बैंक से निकाली मैं उन दिनांकों में बैंक गई ही नहीं। 21 जून को तो में अपने गांव भडाभावडी में थी और 22 तक वहां रूकी क्योंकि वहां हमारे परिवार में धार्मिक कार्यक्रम था। मैंने जब अपने परिजनों को बुलाया और बैंक के सीसीटीव्ही एवं व्हाउचर चैक करवाए तो पता चला कि मेरे स्थान पर बैंक ने किसी अन्य महिला को भुगतान किया और पैसे आहरण संबंधित जो व्हाउचर पर्ची हैं उन पर मेरे हस्ताक्षर भी नहीं हैं फिर भी बैंक प्रबंधन ने किस प्रकार मेरे खाते से यह पैसे निकाल दिए।
मैंने इस संबंध में बैंक प्रबंधन को कई बार बोला लेकिन बैंक प्रबंधन ने कुछ दिन पहले तो पैसे लौटाने की सहमति दे दी और बैंक कैशियर ने कहा मेरी नौकरी चली जाएगी मैं तुम्हारे पैसे की व्यवस्था करवा देती हूं लेकिन अभी तक कोई पैसा मुझे वापस नहीं मिला जबकि मेरे खाते से एक लाख पंद्रह हजार रूपए बैंक प्रबंधन ने किसी अन्य को सांठगांठ कर भुगतान कर दिया। पीडित ने पुलिस को बैंक, स्टेटमेंट, बैंक में पूर्व में की गई शिकायत एवं सीसीटीव्हीं फुटेज की पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई जिससे उसके साथ हुई ठगी का मामला जल्द से जल्द सुलझ सके।
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