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Shishukunj

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Wednesday, June 26, 2024

भगवान के तीन पैरों ने ही नाप लिया पूरा संसार : आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज




शगुन वाटिका में श्रीमद् भागवत कथा में वामन अवतार एवं समुद्र मंथन की कथा का कराया श्रवण

शिवपुरी-ईश्वर को यदि देखना है तो मन की आंखों से स्मरण कर देंखों, क्योंकि श्रीमद् भागवत कथा में जब वामन अवतार प्रसंग आया तो भगवान ने तो अपने तीन पैरों से ही पूरे संसार को नाप लिया, इसलिए भक्त भगवान के आसक्त होकर ही उनकी आराधना करें, विश्वास और आस्था का यह मंत्र है इसे ना केवल स्वयं अपनाऐं बल्कि अपने घर-परिवार और समाज में भी प्रवाहित करें ताकि हर घर में ईश्वरीय वास के रूप में श्रीमद् भागवत कथा का संदेश पहुंच सके। वामन अवतार एवं समुद्र मंथन का यह वृतान्त श्रवण कराया प्रसिद्ध भागवत रत्न विभूषित आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में गोयल परिवार के द्वारा आयेाजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रसंगों पर आर्शीवचन दे रहे थे। 

इस अवसर पर कथा यजमान परिजन श्रीमती गीता देवी गोयल, श्रीमती निशा गोयल, शिशिर गोयल, निखिल गोयल एवं अखिल गोयल परिवार के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा पूजन किया गया तत्पश्चात आचार्य श्री नवलेश दीक्षित जी महाराज से आर्शीवाद प्राप्त किया। इसके साथ ही कथा प्रसंगों पर व्यासपीठ से आर्शीवचन देते हुए आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों को भगवान वामन अवतार व समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि जब राजा बलि यज्ञ कर रहा था तो देवताओं को डर सताने लगा कि राजा इन्द्र की गददी पर आसीन नहीं हो जाए। इस पर देवताओं ने भगवान विष्णु के पास जाकर गुहार लगाई और भगवान विष्णु ने वामन अवतार का वेश धरा और राजा बलि के पास पहुंचकर तीन पैर की जमीन मांग ली। राजा बलि ने यह बचन दे दिया और भगवान ने विशाल काय रुप लेकर तीनों पैरों में ही संसार को नाप लिया। क था के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने भजनों पर महिलाओं ने नृत्य किया। कथा प्रतिदिन दोप.2 बजे से सायं 6 बजे तक शगुन वाटिका में 29 जून तक जारी रहेगी।

आज कथा में भगवान की विभिन्न बाल लीलाओं की कथा का होगा वर्णन
शगुन वाटिका में गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भावगत कथा में आज 27 जून को श्रीकृष्ण जन्म पश्चात भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन, माखन चोरी, गौ चारण, वृन्दावन लीला एवं गोवर्धन पूजा होगी व छप्पन भोग दरबार सजेगा, इसके साथ ही 28 जून को महारास लीला, मथुरा गमन, कंश वध, गोपी उद्वव संवाद एवं श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह होगा, 29 जून को द्वारिका लीला कथा, सुदामा चरित्र, नवयोगेश्वर संवाद एवं भागवत कथा सार वृतान्त के साथ कथा को विश्राम दिया जाएगा।

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