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Wednesday, June 12, 2024

कलेक्टर ने पोहरी एवं बैराढ़ तहसील अंतर्गत आने वाले जल स्त्रोतों का किया निरीक्षण


शिवपुरी-
जल गंगा संवर्धन अभियान में नदी, तालाबों, कुओं, बावडिय़ों तथा अन्य जल स्त्रोतो के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में आज कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी द्वारा पोहरी एवं बैराढ़ अंतर्गत आने वाले नदी, तालाबों, कुओं, बावडिय़ों तथा अन्य जल स्त्रोतो का निरीक्षण किया।  

कलेक्टर श्री चौधरी ने जिले की बैराढ़ तहसील अंतर्गत आने वाले देवपुरा ग्राम से दूर क्वारी नदी के उद्गम स्थल का निरीक्षण किया और नदी के आसपास वृक्षरोपण कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जनपद सीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि देवपुरा गांव के मंदिर आसपास भी छायादार एवं फलदार वृक्ष लगवाए जाए। उन्होंने बैराढ़ तालाब का निरीक्षण किया एवं तालाब के आसपास हो रहे अतिक्रमण को तहसीलदार व सीएमओ को हटाने के निर्देश दिए। जिसपर सीएमओ द्वारा तत्काल मौके पर ही चल रही हीटेची से अतिक्रमण हटवाया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने धोरिया रोड पर स्थित छोटे तालाब, बैराढ़ में तालाबो के आसपास हो रहे अतिक्रमण हटाने के तहसीलदार दृगपाल सिंह व सीएमओ महेश चंद जाटव को निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने तहसील पोहरी में भी तालाबों तथा जलमंदिर का निरीक्षण किया। इस मौके पर बैराढ़ तहसीलदार दृगपाल सिंह, तहसीलदार पोहरी अजय परसीडिया, जनपद सीईओ शैलेंद्र आदिवासी, नायब तहसीलदार बीके शर्मा, सीएमओ पोहरी एवं बैराढ़ साथ थे।

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल सहेजने का किया आह्वान
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिकों से कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत भूमि जल व वर्षा जल को सहेजने के लिए पुरानी जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। शिवपुरी शहर सहित जिले के अन्य कस्बों एवं ग्रामीण अंचल में जन सहभागिता से जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ है। यह अभियान 16 जून तक चलेगा। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों ने भी हाथ बटाया। भूमि का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें वर्षा जल सहेजने के लिए साझा प्रयास करने होगें। इसमें समाज को भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना होगा। जिले में हर दिन जल संरचनाओं को सहेजने का कार्य किया जा रहा है। जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों से होकर बह रहीं नदियों, सहायक नदियों, बाँध, तालाब व अन्य जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य के लिये सुनियोजित योजना बनाकर काम किया जा रहा है।

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