एनीमिया पर जागृति अभियान में दो सेकड़ा महिलाओ को जागरूक कियाशिवपुरी। सिकल सेल रोग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, ये रक्त को प्रभावित करने वाली बीमारी है। इस रोग के कारण रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन का स्तर प्रभावित होने लगता है। सिकल सेल रोग (एससीडी) सबसे आम वंशानुगत रक्त विकार है। रक्त वाहिकाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा महत्वपूर्ण है, इसी की मदद से आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार होता है। एससीडी के शिकार लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है इसे लेकर शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर पांच गांव जिनमे मुड़ेरी, गहलोनी, बिलारा, सुरवाया एवम मझेरा में स्किल सेल एनीमिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह बात कही संगठन की नोडल ऑफिसर करण लाक्ष्याकार ने जिन्होंने उपस्थित समुदाय को एनीमिया पर आयोजित जागृति अभियान के बारे में जागरूक किया।
यहां नितिन सेन ने कहा की सिकल सेल रोग का मुख्य कारण एचबीबी जीन में होने वाला आनुवंशिक उत्परिवर्तन है। यही जीन हीमोग्लोबिन के एक बड़े हिस्सा को बनाने के लिए जिम्मेदार है। माता-पिता से कुछ बच्चों को आनुवांशिक रूप से यह रोग मिल सकता है। सिकल सेल रोग के लक्षण 5 से 6 महीने की उम्र में दिखने लगते हैं। एससीडी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। सिकल सेल रोग आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। अंत में विनोद गिरी ने सिकल सेल रोग से बचाव और उपचार पर ग्रामीणों को बताया की सिकल सेल रोग को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह एक आनुवंशिक स्थिति है। यदि आप गर्भवती हैं आनुवंशिक परीक्षण के माध्यम से इसके खतरे का पता लगाने में मदद मिल सकती है। जिन बच्चों में इस रोग का निदान किया जाता है उन्हें उपचार के तौर पर दवाओं के साथ ब्लड ट्रांसफ्यूजन,बोन मैरो ट्रांसप्लांट और जीन थेरेपी की जरूरत हो सकती है। संस्था ने इस अवसर पर 200 से अधिक महिलाओ को जागरूक किया इस कार्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवम आशा कार्यकर्ता ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया साथ में स्कूल के शिक्षक गणों का विशेष सहयोग रहा।
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