भागवत रत्न आचार्य श्री नवलेश दीक्षित जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन के कल्याण के लिए अवतरित होते हैं भगवानशिवपुरी-नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की,,,हाथी घोड़ा पालकी...जय कन्हैया लाल की...यह जयघोष सुनाई दिए एबी रोड़ स्थित स्थानीय शगुन वाटिका में जहां आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्म अवतार हुआ और श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भगवान के जन्म का उत्सव मनाया। कथा में गोयल परिवार की श्रीमती गीता देवी गोयल, श्रीमती निशा गोयल, शिशिर, निखिल एवं अखिल गोयल परिजनों के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा पूजन किया गया तत्पश्चात आचार्य श्री से आर्शीवाद लिया।
यहां श्रीकृष्ण स्वरूप में गोयल परिवार के ही एक अबोध बालक को भगवान स्वरूप प्रदान कर उपस्थित श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ कराया और भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन श्रवण कराया। इसके साथ ही यहां आचार्य भागवत रत्न श्री नवलेश दीक्षित जी महाराज ने बड़े ही सरल शब्दों में श्रद्धालुओं को भगवान के जन्म कल्याण के बारे में बताया कि किस प्रकार से मानव जीवन के कल्याण करने के लिए भगवान ना-ना रूप में अवतरित होते है और वह इस संसार को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हुए सद्ज्ञान, सद्विचार और सद्मार्ग का मार्ग दिखाते है ताकि हरेक मनुष्य अपने जीवन में होने वाले परिवर्तनों में इन सभी का समावेश कर इस संसार में अपने जीवन को पूर्ण रूप से जिए और जब ईश्वर के चरण मार्ग पर पहुंचे तो साक्षात परमपिता परमात्मा के समक्ष भी स्वयं कल्याण करा सके।
मनुष्य जीवन की इस महिमा को सुन श्रद्धालुओं ने भावविभोर के साथ भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा को श्रवण किया। इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर कथा पाण्डाल को बड़े ही आकर्षक स्वरूप में सजाया गया और श्रद्धालुओ को मावा-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।
आज होगा श्रीकृष्ण रूकमणी मंगल विवाह
श्रीमद् भागवत कथा में आज 28 जून को महारास लीला, मथुरा गमन, कंश वध, गोपी उद्वव संवाद एवं श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह होगा, 29 जून को द्वारिका लीला कथा, सुदामा चरित्र, नवयोगेश्वर संवाद एवं भागवत कथा सार वृतान्त के साथ कथा को विश्राम दिया जाएगा।
आज होगा श्रीकृष्ण रूकमणी मंगल विवाह
श्रीमद् भागवत कथा में आज 28 जून को महारास लीला, मथुरा गमन, कंश वध, गोपी उद्वव संवाद एवं श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह होगा, 29 जून को द्वारिका लीला कथा, सुदामा चरित्र, नवयोगेश्वर संवाद एवं भागवत कथा सार वृतान्त के साथ कथा को विश्राम दिया जाएगा।
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