शिवपुरी- अधिकतम खुदरा मूल्य(एमआरपी) की विभिन्न उत्पादों पर छपाई को लेकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के द्वारा एक ज्ञापन जिला प्रशासन को माननीय उपभोक्ता मामले मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के नाम सौंपा है। इस ज्ञापन के दौरान अभा ग्राहक पंचायत के अध्यक्ष जितेन्द्र रघुवंशी, अखिलेश शर्मा, दाताराम प्रजापति, हरवीर सिंह चौहान, वीरेन्द्र चौहान, मुरारी कुशवाह, रूपसिंह गौर सहित अन्य महिला पदाधिकारी व ग्राहक पंचायत संस्था के सदस्यगण मौजूद रहे।
इस ज्ञापन में एम.आर.पी. को लेकर बताया गया कि भारत सरकार ने 1990 में खुदरा बिक्री के लिए रखे जाने वाले उत्पाद की पैकिंग पर कानूनी मेट्रोलॉजी कानून के तहत अधिकतम खुदरा मूल्य(एमआरपी) की छपाई अनिवार्य कर दी, जिससे उत्पाद को मुद्रित एमआरप से अधिक पर बेचना अपराध हो गया। ज्ञापन में दवाओं की एमआरपी को लेकर उदाहरण बताते हुए बताया कि दवाओं की मूल उत्पादन कीमत और ्ग्राहक कीमत पर दावा खरीदी करता है इसमें कितना अंतर है वह सरकार के साथ-साथ इस क्षेत्र में काम करने वाली सभी मशीनरी को माूलम है कि दवाओं की उत्पादन लागत(सीओपी)मुद्रित एमआरपी से सौ गुना कम है, निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, वितरकों, स्टॉकिस्टों, डॉक्टरों की लॉबी के साथ-साथ अंतत: खुदरा विक्रेताओं से लेकर सभी फार्मास्युटिकल चैनलों द्वारा ग्राहकों को धोखा दिया जाता है और लूटा जाता है। इसलिए अभा ग्राहक पंचायत मांग करती है कि जब तक भारत सरकार अधिकतम खुदरा मूल्य की छपाई पर कानून नहीं लाती, तब तक प्रथम बिक्री मूल्य निर्धारण की आवश्यकता को शुरू करें।
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