हीट-डे शुरू, जिले में गर्म हवाओं का यलो अलर्ट जारीशिवपुरी। हीटबेब के बीच 25 मई से नौ दिनों तक के लिए नौतपे की तपिश से शहर ही नहीं बल्कि जिला भर तपता हुआ नजर आएगा। यहां शिवपुरी जिले में शनिवार से नौतपे की शुरूआत से ही शहर सहित जिला भर शरीर झुलसा देने वाली गर्मी से तपता हुआ नजर आया। वैसे तो संपूर्ण प्रदेश ही भयानक गर्मी के दौर से गुजर रहा है और इसकी चपेट में शिवपुरी जिला भी है, वही आज से नौतपे भी शुरू हो गई है, मई के माह में अब तक की सबसे ज्यादा गर्म होने वाले दिन आने वाले है। इस कारण मौसम विभाग ने हीटवेव का यलो अलर्ट जारी कर दिया है। गुरुवार को हुई हल्की बूंदाबांदी के कारण शुक्रवार का दिन थोड़ा राहत भरा रहा। शुक्रवार को तापमान अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि गुरुवार का अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया था।
आज से ज्येष्ठ माह शुरू, तपगें नौ दिन
नौतपे के रूप में ज्येष्ठ माह के शुरू के नौ दिनों तक सूर्य देव अपनी प्रचंड गर्मी से लोगों को बेहाल करेंगे। शुक्रवार से ज्येष्ठ माह प्रारंभ हुआ है और शनिवार 25 मई से नौ दिनों तक अब संपूर्ण जिला नौतपा की कैद में रहेगा। नौ दिनों तक भयंकर गर्मी से मानसून के आने का संकेत भी मिलता है। बारिश से पहले नौतपा में तापमान सर्वाधिक होता है।
ज्योतिष कहते है सूर्य बदलते ही अपनी स्थिति, इसलिए होती है नौतपे की शुरूआत
ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों की अलग-अलग स्थितियां होती हैं। जिनके आधार पर कुछ योग और नाम होते हैं। इसी तरह ग्रहों के देव सूर्य की नक्षत्रों के आधार पर कुछ स्थितियां होती हैं। जिसमें से एक नौतपा है। ज्योतिषाचार्य पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा मंशापूर्ण वालो के अनुसार जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो इस स्थिति को नौतपा कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा मंशापूर्ण वालो के अनुसार जब रोहिणी नक्षत्र में सूर्य प्रवेश करता है तो इस दौरान जो स्थिति निर्मित होती है उसे नौतपा कहते हैं। बता दें नौतपे हर साल 25 मई से ही शुरू होते हैं। बस इनका समय बदल जाता है। इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होकर 3 जून तक चलेंगे। रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही सूर्य देव अपने प्रचंड रूप के दर्शन कराने लगते हैं। यही कारण है कि इससे धरती का तापमान तेजी से बढऩे लगता है।
सूर्य की किरणें पड़ती है सीधे पृथ्वी पर, इसलिए होती है तपिश
इस बीच तापमान सबसे ज्यादा होता है। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। इस स्थिति में पृथ्वी पर चांद की रोशनी कम पहुंचती हैं जबकि धूप और अधिक तेज हो जाती है। मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने लगता है। फिर यही क्षेत्र समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इसलिए इसे नौतपा कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार ये महीना ज्येष्ठ का होता है। नौतपा हर साल 25 मई से ही शुरू होते हैं। इनका समय बदल जाता है।
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