सिंध जलावर्धन का मेंटीनेंस करने वाली कंपनी के कर्मचारी ने खोली कमीशनखोरी की पोल, की जांच की मांगशिवपुरी- मप्र शासन की पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के संरक्षण में नपाध्यक्ष का दायित्व संभालने वाली श्रीमती गायत्री शर्मा और उनके पति का नपाध्यक्षीय कार्यकाल में कितना हस्तक्षेप है यह जनमानस भली भांति समझता है और अब इस बात को प्रमाणिकता भी उस शख्स प्रदान कर दी जहां सिंध जलावर्धन योजना का मेंटीनेंस करने वाली ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी के द्वारा सरेआम नपा में कमीशनखोरी के खेल की पोल खोल दी गई, एक ओर जहां नपाध्यक्ष और उनके पति सीधे तौर पर 1 से 5 और अब 25 प्रतिशत का कमीशन मांग कर जनता के हितों पर कुठाराघात करने से बाज नहीं आ रही तो दूसरी ओर इस मामले की शिकायत भी कलेक्टर और सीएमओ तक पहुंच चुकी है
इसलिए अब आवश्यक हो गया है कि ऐसे गैर जिम्मदारा लोग जो नपा का अध्यक्षीय दायित्व नहीं संभाल सकते है वह अपने पदे से पदमुक्त होकर जनता की सेवा करें तो ही इनका भल होगा, हम विश्वास दिलाते है कि आगामी 4 जून के बाद जब केन्द्र में श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री होंगें तब निश्चित ही अंचल शिवपुरी के नगरीय विकास को नई ऊंचाईया और विकास के मुख्य द्वार खुलेंगें, इसलिए पार्षद और जनमानस से भी आह्वान है कि वह इस भ्रष्टााचर को देखें, समझें और सब्र करें, क्योंकि आने वाला समय श्रीमंत के मार्गदर्शन का होगा जिसमें एक-एक कार्य की बारीकी से मॉनीटरिंग होगी और जनहित के विकास कार्यों को बिना किसी कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के पूर्ण किया जाएगा। यह बात कही भाजपा नेता रामजी व्यास ने जिन्होंने सिंध जलावर्धन योजना का मेंटीनेंस का कार्य देख रही कर्मचारी के द्वारा नपाध्यक्ष व उनके पति को सरेआम 1.70 लाख रूपये की रिश्वत देते हुए एक शिकायती पत्र कलेक्टर व सीएमओ को सौंपा है, इस मामले को लेकर भाजपा नेता रामजी व्यास ने गहन नाराजगी व्यक्त की है और पूरे मामले की विस्तृत जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग उठाई है।
ऐसे तो बंद हो जाएगी सिंध जलावर्धन योजना की सप्लाई
भाजपा नेता रामजी व्यास बताते है कि यदि भ्रष्टाचार और कमीशन का यह खेल नपाध्यक्ष व उनके पति यूं ही खेलते रहे तो वह दिन भी दूर नहीं जब अंचल वासियों के लिए जीवनदायिनी बनी सिंध जलावर्धना योजना का लाभ मिलना आमजन को बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जब कंपनी को मेंटीनेंस कार्य मिला है तो उसकी राशि भी वह प्राप्त करना चाहती है और नपा के द्वारा अभी 35 लाख रूपये का भुगतान किया गया है लेकिन इस भुगतान को प्राप्त करने के एवज में कंपनी को ही रिश्वत के रूप में यदि 1 से 5 और 25 प्रतिशत तक का कमीशन देकर मामला उजागर करना यह बताता है कि कहीं ना कहीं जनहित के इस महत्वपूर्ण कार्य में यदि यूं ही कमीशन और भ्रष्टाचार रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब कंपनी इस योजना के मेंटीनेंस के कार्य से ही अपने हाथ खींच लें और जनता को परेशान होना पड़े।
कलेक्टर और सीएमओ करे मामले की जांच, दोषी पर हो कार्यवाही
भाजपा नेता रामजी व्यास ने नपाध्यक्ष और उनके पति की शुरू से ही नपा के कार्यकाल में हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठाए है, उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष महिला है तो उनके पति को हस्तक्षेप की आवश्यकता क्यों, चूंकि सभी जानते है कि नपा की अधिकांश फाईलें ही नपाध्यक्ष के घर पहुंचती है और यहां कमीशन व भ्रष्टाचार की राशि तय करने के बाद ही कार्य आगे बढ़ते है, अब तक करीब 2 साल के नपाध्यक्षीय कार्यकाल में हुए मामले को लेकर कलेक्टर व सीएमओ को गहनता से जांच करना चाहिए, हालांकि इस कमीशनखोरी का खोल भले ही सिंध जलावर्धन योजना का मेंटीनेंस करने वाली कर्मचारी के प्रतिनिधि ने किया हो, बाबजूद इसके अब तक के नपा कार्यकाल में हुए कार्यांे को लेकर विस्तृत जांच होना चाहिए और कितना फण्ड नगर पालिका को आया और कहां उसे कैसे व्यय किया गया, यह बिन्दु जांच का विषय है।
भाजपा नेता रामजी व्यास ने नपाध्यक्ष और उनके पति की शुरू से ही नपा के कार्यकाल में हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठाए है, उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष महिला है तो उनके पति को हस्तक्षेप की आवश्यकता क्यों, चूंकि सभी जानते है कि नपा की अधिकांश फाईलें ही नपाध्यक्ष के घर पहुंचती है और यहां कमीशन व भ्रष्टाचार की राशि तय करने के बाद ही कार्य आगे बढ़ते है, अब तक करीब 2 साल के नपाध्यक्षीय कार्यकाल में हुए मामले को लेकर कलेक्टर व सीएमओ को गहनता से जांच करना चाहिए, हालांकि इस कमीशनखोरी का खोल भले ही सिंध जलावर्धन योजना का मेंटीनेंस करने वाली कर्मचारी के प्रतिनिधि ने किया हो, बाबजूद इसके अब तक के नपा कार्यकाल में हुए कार्यांे को लेकर विस्तृत जांच होना चाहिए और कितना फण्ड नगर पालिका को आया और कहां उसे कैसे व्यय किया गया, यह बिन्दु जांच का विषय है।
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