शिवपुरी। महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं और किशोरियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसलिए हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इसी उद्देश्य को लेकर शक्ति शाली महिला संगठन, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम जिला प्रशासन के द्वारा पूरे सप्ताह अनेक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं इसी क्रम में आज ग्राम कोटा में पुरषों के साथ इस मुद्दे पर समुदाय के चोपाल पर इस मुद्दे पर घरों में मासिक धर्म को लेकर सकारात्मक माहौल बनाने को लेकर चर्चा की अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल शक्ति शाली महिला संगठन ने बताया की।इस दिवस एवम सप्ताह का उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। 28 मई की तारीख निर्धारित करने के पीछे मकसद है कि मई वर्ष का पांचवां महीना होता है। यह अमूमन प्रत्येक 28 दिनों के पश्चात होने वाले स्त्री के पांच दिनों के मासिक चक्र का परिचायक है। संस्था की किशोरी स्वास्थ की एक्सपर्ट श्रद्धा जादौन ने इस अवसर पर समुदाय को बताया की माहवारी नौ से 13 वर्ष की लड़कियों के शरीर में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल प्रक्रिया है। इसकेे फलस्वरूप शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। यह प्राकृतिक प्रक्रिया सभी लड़कियों में किशोरावस्था के अंतिम चरण से शुरू होकर (रजस्वला) उनके संपूर्ण प्रजनन काल (रजोनिवृत्ति पूर्व) तक जारी रहती है। आज भी बहुत सी किशोरियां मासिक धर्म के कारण स्कूल नहीं जाती हैं।
महिलाओं को आज भी इस मुद्दे पर बात करने में झिझक होती है। आधे से ज्यादा लोगों को लगता है कि मासिक धर्म अपराध है एनएएफएचएस 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 58 प्रतिशत महिलाएं ही माहवारी प्रबंधन के लिए स्वच्छ साधन का उपयोग करती हैं। प्रदेश में यह आंकड़ा 47 प्रतिशत है। प्रोग्राम में समुदाय के पुरुषों में रोहित मलखान पवन अमित राहुल गोपाल आदिवासी आदि, श्यामलाल आदीवासी, बिरजू आदिवासी, प्रकाश आदिवासी, मुन्ना आदीवासी, सुखराम आदीवासी, अनिल आदिवासी, विरजेश आदिवासी, रोहित आदिवासी, दिलीप आदिवासी, सुभाष आदिवासी के साथ आगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा धाकड़, सहायिका संदीप कौर आशा राधा राजपूत ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
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