लिंग भेदभाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन
शिवपुरी। लिंग भेदभाव असमानता बचपन से ही शुरू हो जाती है प्रत्येक लड़की और लड़के को जीवित रहने और आगे बढऩे का समान अवसर मिलना चाहिए। शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा आज दस गांवों जिनमे मरोरा खालसा, मरौरा अहीर, सुरवाया, बिनेगा, नोहरिकला है उनमें लिंग आधारित भेदभाव जागरूता प्रोग्राम में सुपोषण सखी नर्मदा शाक्य ने अपने विचार रखते हुए कहा की शक्तिशाली महिला संगठन पिछले 10 से अधिक वर्षों से प्रत्येक बच्चे के लिए समान अधिकारों की वकालत कर रहा है-फिर भी, बचपन से शुरू होने वाला लैंगिक भेदभाव, बच्चों से उनका बचपन छीन रहा है और उनकी संभावनाओं को सीमित कर रहा है-जिसका दुनिया की लड़कियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
शक्ति शाली महिला संगठन के रवि गोयल ने इस अवसर पर अपने विचार में कहा कि लिंग भेदभाव का अर्थ लिंग के आधार पर किया गया कोई भी बहिष्कार या प्रतिबंध है जो लड़कियों, लड़कों, महिलाओं और/या पुरुषों के लिए उनके पूर्ण और समान मानवाधिकारों को पहचानने, आनंद लेने या प्रयोग करने में बाधा उत्पन्न करता है। लैंगिक असमानता लिंग या लिंग के आधार पर भेदभाव है जिसके कारण एक लिंग या लिंग को नियमित रूप से दूसरे लिंग या लिंग से अधिक विशेषाधिकार प्राप्त या प्राथमिकता दी जाती है। एक ऐसी दुनिया जहां सभी को समान रूप से मान्यता, सम्मान और महत्व दिया जाता है। इस कार्य में आंगनवाडी कार्यकर्ता के साथ समुदाय की एक सैकड़ा महिलाओ ने मुख्य रूप से भाग लिया।
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