श्रीमद् भागवत कथा में हुई गोवर्धन पूजा, संतान को संस्कारवान बनाने के दिए प्रवचनशिवपुरी- जिने के रन्नौद के समीप स्थित ग्राम सूखा राजापुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर आचार्य बृजभूषण महाराज ने बताया कि जो मनुष्य अपनी संतानों को संस्कारवान नहीं बनाते है एवं उनमें संस्कार स्थापित नहीं करते हैं, ऐसे मनुष्य की संतान आगे चलकर के पतित हो जाती है एवं उनका कोई वजूद संसार में नहीं रहता, इसलिए मनुष्य को चाहिए कि धन संपत्ति मकान प्रॉपर्टी देने के साथ-साथ अपनी संतान को संस्कार अवश्य दें जिससे कि उनका समाज में नाम हो उनकी प्रतिष्ठा हो एवं उनका सम्मान समाज करें।
आचार्य श्री ने कथा प्रसंग में बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने सुंदर बाल लीलाओं का दर्शन संपूर्ण ब्रह्मांड को करवाया है, भगवान ने माखन चोरी के माध्यम से कंस की नीति में विघ्न डाला क्योंकि कंस गोपो से माखन ले लेता था, इसलिए भगवान ने मटकी फोडऩा प्रारंभ कर दिया। भगवान ने आगे चलकर के कालिया नाग का मर्दन किया क्योंकि कालिया नाग विषैला नाग था जिससे की यमुना जी दूषित हो गई थी तो भगवान ने उसको दंड देकर के यमुना जी को शुद्ध किया आगे चलकर के भगवान श्री कृष्ण ने सुंदर गोवर्धन पर्वत की लीला की एवं भगवान श्री कृष्ण ने प्रकृति का पूजन कराया, क्योंकि मनुष्य अगर प्रकृति का पूजन नहीं करेगा, वृक्षों का सम्मान नहीं करेगा, पर्वतों का सम्मान नहीं करेगा ब्राह्मणों का सम्मान नहीं करेगा तो यह पृथ्वी खतरे में आ जाएगी, इसलिए भगवान ने गोवर्धन को माध्यम बनाकर के प्रकृति का पूजन करवाया एवं प्रकृति यज्ञ भगवान ने कराया है। कथा के अंत में सुंदर गोवर्धन पूजा हुई कथा सुनने के लिए सैकड़ो भक्तजन आसपास के ग्रामों से पधार रहे हैं। इस कथा का आयोजन 17 मई तक किया जायेगा इस कथा का आयोजन पप्पू सिंह लोधी एवं समाज परिवार जन करवा रहे हैं।
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