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Tuesday, May 28, 2024

कलेक्टर, सीईओ के संरक्षण में आरईएस के कार्यपालन यंत्री पर अधिवक्ता विजय तिवारी के द्वारा लगाए करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप


अधिवक्ता विजय तिवारी के द्वारा की गई शिकायत, मामले में जांच की मांग कर दोषी के विरूद्ध हो कार्यवाही

शिवपुरी-जनहित के मुद्दों को उठाकर जनता की लड़ाई लडऩे वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष एड. विजय तिवारी के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभाले कलेक्टर रविन्द्र चौधरी व जिला पंचायत के मुखिया सीईओ उमराव मरावी के खुले संरक्षण में आरईएस(ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य शासकीय कर्मचारियों पर ना केवल करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए बल्कि इन सभी के विरूद्ध किए गए घोटालों की जांच करते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर विभाग के पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ अधिकारियों से पत्र व्यवहार किया गया है। इसके साथ ही ईओडब्ल्यूय सहित अपर सचिव, मुख्य सचिव आदि को भी यह शिकायत भेजी गई है। अधिवक्ता विजय तिवारी ने बताया कि इस मामले में कलेक्टर रविन्द्र चौधरी व जिला पंचायत सीईओ को अपने ही अधीनस्थ अधिकारी आरईएस के कार्यपालन यंत्री जी के श्रीवास्तव के द्वारा किए गए करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में अब तक कोई कार्यवाही ना किया जाना कहीं ना कहीं उन्हें संरक्षण देने के समान है, ऐसे में जिम्मेदारों पर भी कार्यवाही होना चाहिए।

एड.विजय तिवारी ने बताया कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा शिवपुरी में कार्यपालन यंत्री के पद पर जी.के.श्रीवास्तव दिनांक 01.3.2023 से प्रभारी कार्यपालन यंत्री पद पर पदस्थ है, अपने संक्षिप्त कार्यकाल में उक्त कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव के द्वारा 02 करोड़ 25 लाख 53 हजार रूपये की भारी भरकम राशि का गबन जिला पंचायत सीईओ तथा अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयेाग से किया गया है। एड.तिवारी ने बताया कि मै. श्याम कंस्ट्रक्शन को जी.के.श्रीवास्तव कार्यपालन यंत्री आरईएस की नियुक्ति के पूर्व कोई भुगतान नहीं कियागया किन्तु जीके श्रीवास्तव के द्वारा प्रभारी संभालते ही उक्त फर्म की तो मानो लॉटरी खुल गई है और इस संक्षिप्त कार्यकाल में ही कंपनी को 17.65 लाख रूपये का सामग्री भुगतान किया गया है उक्त श्याम कंस्ट्रक्शन में कहीं ना कहीं स्वयं कार्यपालन यंत्री की भी साईलेंट पार्टनरशिप से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही आरईएस से होने वाले कार्यों में उपयंत्री द्वारा माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) में माप दर्ज किए जाते है, इसके पश्चात सहायक यंत्री द्वारा मेजरमेंट बुक में दर्ज कर कार्यों का भौतिक सत्यापन कर माप पुस्तिका को वेरीफाई करने उपरांत कार्यपालन यंत्री द्वारा भुगतान किया जाता है, उदाहरणार्थ चैक डेम निर्माण खैराघाट, ग्राम इंदार सिंध नदी के किनारे, घाट निर्माण ग्राम बूढ़ाडोंगर, सुदूर सड़क निर्माण राजापुर तथा ग्रेबल रोड़ अटरूनी से ग्राम पंचायत रांची के कार्यों का बिना सब इंजीनियर से माप कराए उक्त कार्यों का भुगतान 43 लाख 8 हजार रूपये का भ्रष्टाचार कारित किया गया। 

इसके अलावा उक्त कार्यपालन यंत्री जी.के.श्रीवास्तव के द्वारा वर्ष 2020-21-22 में भी अत्यंत कम व्यय के ऐसे कार्य जिनको प्रारंभ ही नहीं किया गया उन पर व्यय की गई राशि 56 हजार रूपये का ड्राफ्ट तत्कालीन कार्यपालन यंत्री राजीव पाण्डे के द्वारा मनरेगा परिषद  के खाते में जमा कराकर भोपाल भेजी गई थी बाबजूद इसके कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव के द्वारा अपने कार्यकाल में उक्त कार्यों की वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिना सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के प्रारंभ कर उन पर भारी भरकम राशि 126.86 लाख रूपये का व्यय दर्शाकर उक्त लगभग सवा करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार किया गया। इन सभी मामलों को लेकर अधिवक्ता विजय तिवारी के द्वारा मय दस्तावेजों के साथ पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र व्यवहार कर मामले में जांच करते हुए दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की मांग की गई है अन्यथा वह उक्त मामले को लेकर माननीय न्यायालय की शरण भी लेंगें और पूरे मामले में सभी के कार्यकालों की विस्तृत जांच करते हुए मामले का पर्दाफाश कराया जाएगा।

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