सागर । नाबालिग को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी गणेष अहिरवार को भा.द.वि. की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन ने की ।घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉ ने दिनॉक 24.10.2022 को थाना मोतीनगर में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि पीड़िता उक्त दिनांक को सुबह कुछ सामान लेने दुकान जाने का कहकर गई थी जो घर वापस नहीं आई, जिसकी आसपास व रिश्तेदारों में तलाश करने पर उसका कोई पता नहीं चला किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीड़िता को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। दिनांक 27.11.2022 को बालिका के दस्तयाब होने पर उसने अपने न्यायालयीन कथनो में बताया कि शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अभियुक्त उसे कई जगहों पर ले गया और वहॉ जबरदस्ती पीड़िता के साथ गलत काम किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा धारा 363, 366ए,376(3),376(2)(एन) भा.दं.सं. एव धारा 3/4, 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी रामकृष्ण पटैल को भा.द.वि. की धारा- 366-क के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं बीस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) देवरी, जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्रीमती वृन्दा चौहान ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉ ने थाना गौरझामर में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 23.07.22 को पीडिता की मां घर से बाहर कुछ काम से गई थी,घर लौटकर आयी तो उसे पीड़िता नहीं दिखी, जिसके संबंध में उसने घर में व घर के आसपास सभी जगह पीडिता को ढूंढा, लेकिन पीडिता का कोई पता नहीं चला, किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की शंका व्यक्त की । पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि अभियुक्त रामकृष्ण बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर उसे पूना ले गया और उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये,
घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गौरझामर द्वारा धारा 366क,376,376(2)(एन) भा.दं.सं. एव, 3/4, 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) देवरी, जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
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