सागर । शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी पुष्पेन्द्र कुर्मी को भा.द.वि. की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता ने थाना मोतीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि बालिका दिनॉक 24.05.2022 को चाचा के साथ मंदिर दर्षन करने जाने एवं चाचा से बाथरूम जाने का बोलकर गई थी जो वापिस लौटकर नहीं आई जिसकी तलाष आस-पास एवं रिष्तेदारी में करने पर उसका कोई पता नहीं चला किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की शंका व्यक्त की। दिनॉक 21.08.2022 को बालिका के दस्तयाब होने पर उसने अपने कथन में अभियुक्त पुष्पेन्द्र कुर्मी द्वारा उसे बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर इंदौर ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा धारा 363, 366,376, 376(2)(एन) भा.दं.सं. एव धारा 3/4, 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
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