सागर । नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी कौषल सौर को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भादवि की धारा 376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज पटैल ने की ।
घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनॉक 21.06.2022 को थाना में पीड़िता के दादा ने इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि पीड़िता दिनॉक 20.06.22 की शाम करीब 7ः00 बजे से घर से लापता है पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि वह अपने घर के बाहर बर्तन धो रही थी तभी शाम करीब 06ः30 बजे आरोपी कौशल ने उसके घर के पास रोड पर आकर उसे बुलाया एवं उससे कहा कि उसे उससे काम है तो वह बुलाने पर उसके घर चली गई थी। आरोपी कौशल ने अपने घर के कमरे में उसे जबरदस्ती रात भर बंद रखा था फिर आरोपी कौषल ने उसे जंगल में ले जाकर उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया व उसे जंगल में छोड़कर भाग गया था।
उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-केंट द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 363,366,342,376(3) तथा पाक्सो एक्ट की धारा-3/4 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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