पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संस्था की अनूठी पहलशिवपुरी- गर्मी के मौसम में एक ओर जहां आमजन तो अपने लिए जीवन के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर लेता है लेकिन बेजुबान पक्षियों के लिए भी इस भीषण गर्मी में पेयजल की उपलब्धता हो इसे लेकर मसाजसेवी संस्था भारत विकास परिषद शाखा विवेकानन्द के द्वारा एक अनूठी पहल करते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं पक्षियों के लिए पीने के पानी हेतु सेवाभावी लोगों को पानी के सकोरे वितरित किए गए। इसके साथ ही गौशाला में भी सेवा कार्य किया गया और तेल, गुड़ व चुनी आदि का दान किया गया।
इस सेवा कार्य के बारे में जानकारी देते हुए भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद संस्था अध्यक्ष सीए सत्यप्रकाश अग्रवाल व सचिव पुनीत जैन के द्वारा संयुक्त रूप से बताया गया कि भारत विकास परिषद, शाखा विवेकानंद शिवपुरी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए सभी सदस्यों को सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस पहल के तहत परिषद के सदस्यों व सेवाभावी लोगों के लिए गर्मी के इस मौसम में बेजुबान पक्षियों की सेवा हेतु पानी के सकोरे वितरित किए गए। इसके साथ ही कमला देवी भगवानलाल गोशाला खोरगार जाकर गोशाला में सेवा की एवम वहां तेल चुनी गुड आदि भेट किया गया। इस सेवा कार्य में संस्था अध्यक्ष सीए सत्यप्रकाश अग्रवाल, सचिव संदीप जैन, कोषाध्यक्ष निशीत गोयल सहित कार्यक्रम संयोजक आनंद गुप्ता, अकांक्ष मंगल, श्रीमति अंशी बंसल, प्रांतीय संयोजक कमल गर्ग सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद कार्यकारिणी द्वारा संदेश दिया गया कि पर्यावरण हमारा जीवन है और इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, हमें सभी मिलकर प्रयास करने चाहिए ताकि हम अपने धरती को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकें। उन्होंने आगे कहा कि गर्मी के मौसम में पक्षियों को पानी की बहुत आवश्यकता होती है, इसलिए हमें अपने घरों में और आसपास के क्षेत्रों में पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। यह पहल निश्चित रूप से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में मददगार होगी। इसके अलावा, गोशाला में सेवा का कार्य भी एक सराहनीय पहल है। गोशाला में रहने वाले बेजुबान जानवरों की देखभाल करना हमारा नैतिक दायित्व है। कार्यक्रम समापन पर संस्था सचिव पुनीत जैन के द्वारा इस अभिनव कार्य में योगदान देने वाले सभी संस्था पदाधिकारी व सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
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