शिवपुरी के नव युवक ने युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाली अमानवीय घटनाओं को फिल्म के जरिए बतायाशिवपुरी- अक्सर देखने में आता है कि कई बार भीड़ भरे बाजार हो अथवा सुनसान सा इलाका इस तरह के मामलो में कई बार एकेली जा रही युवतियों या महिलाऐं कई बार मोलेस्टेशन (छेड़छाड़) का शिकार हो जाती है और वह अपने आपको किस तरह से इन घटनाओं से बचा सके और जागरूक हो, इसके अलावा युवतियों और महिलाओं की इस घटना से ओतप्रोत एक मूवी '3 अक्टूबर" आगामी 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। शिवपुरी के नव युवक रोहित शर्मा के प्रोड्यूसर तले बनने वाली इस फिल्म को डायरेक्ट किया है विनीत झा ने जिन्होंने मिलकर युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार को इस फिल्म के जरिए प्रदर्शित किया है। बताना होगा कि शहर शिवपुरी की गुलाबशाह दरगाह निवासी रोहित शर्मा बीते कुछ समय से फिल्मी दुनिया में कदम रख चुके है और उन्होंने अपने इस कैरियर में स्वयं का ओटीटी प्लेटफॉम सी एण्ड डी प्ले का भी निर्माण किया है जिसमें उनके द्वारा व अन्य मूवी भी दिखाई जाती है इसके अलावा स्वयं का प्रोड्क्शन हाउस क्लॉक एन डायल का भी निर्माण किया है जिसके बैनर तले अनेकों शॉर्ट मूवी और फिल्में बनाई जा रही है जिसका एक प्रारूप आगामी 5 अप्रैल को '3 अक्टूबर" फिल्म के रूप में भी शहरवासियों ही नहीं बल्कि संपूर्ण देशवासियों को देखने को मिलेगा। इस फिल्म में फिल्म लकी फेम स्नेहा उल्लाल, एक लंबे समय के बाद बड़े पर्दे पर दिखेंगी साथ ही अन्य कलाकारों में हितेन तेजवानी, मोईन खान, कांची सिंह और मानिनी मिश्रा भी नजर आऐंगीं जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
क्या है फिल्म 3 अक्टूबर
अनौपचारिक चर्चा में जानकारी देते हुए 3 अक्टूबर फिल्म के प्रोड्यूसर रोहित शर्मा जो कि शिवपुरी के निवासी है वह बताते है कि एक बार करीब 6 वर्ष एक दिल्ली में मोलेस्टेशन का मामला सामने आया, तब युवतियों के साथ होने वाले अत्याचार व उनकी पीड़ा का दर्द समझा तो एहसास हुआ कि इस मानव जाति के समक्ष यह समस्या मौजूद तो है लेकिन कोई आवाज नहीं उठाता, इसे ध्यान में रखते हुए '3 अक्टूबर" मूवी बनाने का मन में ख्याल आया और इस मूवी में दिखेगा कि किस प्रकार से आज के इस भौतिकवादी युग में युवतियों और महिलाओं को मोलेस्टेशन का सामना करना पड़ता है, वैसे मूवी में 'मोलेस्टेशन(छेड़छाड़)ही रेप की शुरूआत है" को थीम बनाकर इस फिल्म का निर्माण किया गया है जिसमें यह फिल्म समाज के कई पहलुओं को प्रदर्शती करती है, साथ ही फिल्म मोलेस्टेशन और रेप के फर्क को भी बताती है, चूंकि आज के दौर में हमारा समाज रेप जैसे मुद्दों की बात तो गंभीरता से करता है लेकिन छेड़छाड़ जैसी गंभीर घटना पर चुप्पी साध लेता है जो कि आने वाले समय में अपराध को जन्म देता है। रोहित शर्मा बताते है कि हम '3 अक्टूबर" मूवी के जरिए रेप, छेड़छाड़, लैंगिक समानता और झूठा केस जैसे अनेकों पहलुओं को दिखा रहे है ताकि इन घटनाओं से सबक मिल सके और इन पर रोक लगाई जा सके। हालांकि यह एक मूवी है लेकिन असल में होने वाली घटनाओं को समाज, पुलिस और प्रशासन के द्वारा ही रोका जा सकता है इसमें भी कोई दो राय नहीं। हमें आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि आगामी 5 अप्रैल को प्रदर्शित होने वाली फिल्म '3 अक्टूबर" दर्शकों को जरूर पसंद जाएगी।
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