आधुनिकता के युग में गीता पब्लिक स्कूल ने तैयार किए 500 से अधिक जूनियर कोडिंग एक्सपर्टशिवपुरी- भविष्य की जरूरत को देखते हुए कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय की आवश्यकता है और इसे देखते हुए यह गीता पब्लिक स्कूल में 500 से अधिक विद्यार्थीयों ने सेंट्रल हॉल में किसी डांस परफॉर्मेंस या म्यूजिकल शो के लिए इक_ा नहीं हुए बल्कि कोडिंग, ऐ आई, का यूज कर अपने-अपने मोबाइल गेम्स, एनिमेशन, ऐप प्रेजेंटेशन के लिए इक_ा किए है और यह कर दिखाया है कक्षा 4 से लेकर 9वीं तक के विद्यार्थियों ने जिन्होंने अपने द्वारा संचालित कोडिंग व एआई का प्रदर्शन किया। यह जानकारी प्रदान की गीता पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने जिनके समक्ष स्कूली बच्चों ने शहर के सम्माननीय प्रतिष्ठित महानुभावों के सामने अपना-अपना प्रेजेंटेशन दिया।
इस दौरान हर एक अपना प्रेजेंटेशन प्रदर्शित करने के लिए उत्सुक नजर आया, जिन्होंने अपने-अपने प्रेजेंटेशन को प्रस्तुत किया। श्री शर्मा ने बताया कि भविष्य को देखते हुए जैसा कि हम जानते हैं कि आने वाले समय में बहुत सारे जॉब्स पर नई तकनीक का प्रभाव पड़ेगा। इसको समझते हुए विद्यार्थियों को स्कूल ने पूरे साल से ही मिशन बनकर ऐ आई, कोडिंग, रोबोटिकस,मशीन लर्निंग की ट्रेनिंग देना स्टार्ट की। जिसके रचनात्मक परिणाम सामने आने लगे। यह बहुत ही सरप्राइजिंग बात है कि मेट्रो सिटीज के जहां कुछ ही बच्चे इन्हें सीख पा रहे हैं व अपनी रुचि दिखा रहे हैं, वही स्कूल के 500 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने-अपने अलग-अलग मोबाइल गेम्स व ऐप तैयार कर लिए। इनमें से कुछ विद्यार्थियों ने एक्सट्रीम लेवल पर प्रोफेशनल्स की तरह मोबाइल गेम्स बनाए हैं। कुछ विद्यार्थियों ने आठ दस गेम्स के कोंबो तैयार किए हैं।
वहीं कुछ विद्यार्थियों ने एक ही गेम में मल्टीप्ल लेवल दिए हैं। गेम्स को अट्रैक्टिव बनाने के लिए कुछ विद्यार्थियों ने स्कोरबोर्ड, कैरेक्टर की लाइफलाइन, गेम्स की सेटिंग्स , गेम्स खेलने के इंस्ट्रक्शंस, मल्टी प्लेयर स्पोर्ट्स, मोबाइल में खेलने के लिए बटंस को भी शामिल किया है। कुछ विद्यार्थियों ने स्क्रैच प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का यूज करते हुए स्टोरी क्रिएट की है। कुछ विद्यार्थियों ने मैथमेटिकल गेम्स बनाए हैं। कुछ विद्यार्थियों ने अपनी पूरी जनरल नॉलेज की टेक्स्ट बुक से क्विज क्रिएट किया है। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करना स्कूल की जिम्मेदारी है अत: इसी दिशा में हम अग्रसर हैं। ताकि विद्यार्थियों का भविष्य हम सुरक्षित कर सकें।
बच्चों के कोडिंग और एआई के लिए हाइटेक कंप्यूटर लैब का हुआ इनॉग्रेशन
समय की जरूरत को देखते हुए, अपग्रेडेड और लेटेस्ट कंप्यूटर प्रोग्राम्स पर विद्यार्थी काम कर पाए इसके लिए पुरानी लैब को हटाकर स्कूल प्रबंधन द्वारा नई अत्याधुनिक लैब विद्यार्थियों को दी गई है। जिससे विद्यार्थी अपने सभी तरह के गेम्स बना सकते हैं और सॉफ्टवेयर पर काम कर सकते हैं। विद्यालय ने कोडिंग व उसके इंपॉर्टेंस को समझा। साथ ही सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा जब 2 साल पहले 20 लाख रुपए का फंड एटीएल लैब के लिए दिया गया था जिससे लैब तो तैयार हो गई लेकिन उसका बेहतरीन प्रयोग हो पाए इसके लिए कोडिंग ऐप विद्यार्थियों को फ्री में स्कूल द्वारा उपलब्ध कराया गया था और उसे एक मिशन बनाकर पूरे साल उस पर ध्यान दिया गया जिसका परिणाम आज विद्यालय के 500 से अधिक विद्यार्थी कोडिंग करना सीख गए और उन्होंने खुद के रचनात्मक मोबाइल गेम्स, एनिमेशन का जबरदस्त प्रेजेंटेशन दिया।
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