दुकानें लगाए जाने के नाम पर कई दुकानदारों से दुकानें लगाने के नाम पर हो रही उगाही, सीएमओ ने जताई नाराजगीशिवपुरी- नगर पालिका परिषद शिवपुरी के द्वारा संचालित होने वाले श्रीसिद्धेश्वर मेला लगने से पहले ही अब विवादों की चर्चाओं में आ गया है। यहां संबंधित मेला ठेकेदार के द्वारा करीब 36 लाख रूपये की राशि में मेले लगाने का ठेका लिया है लेकिन वह बिना कार्यादेश के ही मेले स्थल पर दुकानें लगाए जाने के नाम पर दुकानदारों से ही अवैध वसूली का कार्य करने में लगा हुआ है। कई ऐसे दुकानदार जो इस तरह की अवैध वसूली की शिकार हो रहे तो उन्हेांने तत्काल अपना नाम ना छापने की शर्त पर हमारे प्रतिनिधि को बताया कि बिना दुकान लगाए ही संबंधित ठेकेदार 15-15 हजार रूपये की मांग कर रहा है। जब यह जानकारी नगर पालिका सीएमओ डॉ.के.एस.सगर को लगी तो उन्होंने भी नाराजगी व्यक्त की और बिना कार्यादेश के होने वाले इस तरह के कार्य को गलत ठहराया साथ ही शिकायत आने पर संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की बात भी कही।
अभी मेला लगा नहीं और अवैध वसूली होने लगी
अक्सर जब भी नगर पालिका के द्वारा श्रीसिद्धेश्वर मेला लगाया जाता है तो संबंधित ठेकेदार को यह निर्देशित किया जाता है कि मेला नियमानुसार ही संचालित किया जावे, लेकिन इन दिनों लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगी हुई है और गर्मी का मौसम भी तेज है। बाबजूद इसके बिना कार्या आदेश के ही संबंधित मेला ठेकेदार अपने मेले के संचालन की गतिविधि को अवैध वसूली के साथ संचालित करने में लगा हुआ है। यहां अभी मेला लगा नहीं है और अवैध वसूली का शिकार संबंधित दुकानदार होने लगे है। एक-एक दुकान लगाए जाने के नाम पर 15-15 हजार रूपये तक वसूले जाने की चर्चाऐं हैं। यें तो मेले में सभी तरह की दुकानें लगती है जिसमें दूर-दराज के दुकानदार भी आते है, यहां छोटी और बड़ी दुकानें, झूठे, जादू शो, चाट पकौड़ी, कपड़े, फैंसी ज्वैलरी, खेल खिलौनें की अनेकों दुकानें लगनी है लेकिन यदि ऐसे ही दुकानदार मेला ठेकेदार की वसूली का शिकार होंगें तो फिर अपना व्यापार कैसे करेंगें, यह आसान से समझा जा सकता है।
महाशिवरात्रि पर हुआ पूजन लेकिन अब तक नहीं लगा और अब आचार संहिता है लागू
यूं तो हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रीसिद्धेश्वर मेले का आयोजन करने हेतु भूमिपूजन किया जाता है और उसके बाद मार्च तक मेला पूरा होकर सैलानियों के लिए तैयार हो जाता है लेकिन इस बार के श्रीसिद्धेश्वर मेले को अब तक कोई अता-पता नहीं है जबकि आचार संहिता भी लगी हुई है और अब चुनाव भी सिर पर है, ऐसे में सैलानी कैसे मेले में पहुंचेंगें, यह भी देखने वाली बात होगी। वैसे भी जब कोई ठेकेदार मेला लगाता है तो वह नपा की तय राशि के अनुरूप ठेका राशि जमा करने के साथ-साथ स्वयं की आय में भी लगा रहता है लेकिन इस बार तो 36 लाख रूपये में मेला ही ठेका पर हुआ है अब देखना होगा कि इस मेले की व्यवस्थाओं में संबंधित ठेकेदार सैलानियों के लिए क्या सुविधाऐं उपलब्ध कराता है।
इनका कहना है-
नगर पालिका से अभी मेले लगाने को लेकर कोई कार्या आदेश जारी नहीं हुआ है और यदि नगर पालिका के मेले के नाम पर कोई अवैध वसूली करता है तो संबंधित लोग शिकायत करें, हम कार्यवाही करेंगें।
डॉ.के.एस.सगर
सीएमओ
नगर पालिका परिषद, शिवपुरी
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